अस्थमा (Yoga for Asthma) एक घातक बीमारी है. प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ अस्थमा (Yoga for Asthma) के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. प्रदुषण के कारण ऐसे मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो मुश्किल खड़ी हो सकती है. इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है हेल्दी लाइफ स्टाइल. इसका खास हिस्सा है योग. आज हम इसी के लिए खास योग बताने जा रहे हैं जिससे आपको लाभ मिल सकता है.
प्रदूषण से बढ़ता है अस्थमा
प्रदूषण कारी तत्व अस्थमा की परेशानी को और ज्यादा बढ़ा देते हैं. अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह बीमारी घातक साबित हो सकती है. अस्थमा के मरीज के जीवन को कष्टमुक्त बनाने में योग बहुत मददगार है. योगाचार्यों का मानना है कि अस्थमा के मरीज अगर हर रोज अनुलोम विलोम करें, तो उन्हें लाभ मिल सकता है.
क्या है अनुलोम विलोम
यह एक तरह का सांस संबंधी आसन होता है. इसमें पद्मासन में बैठकर एक नाक के एक छिद्र से सांस अंदर ली जाती है और दूसरे छिद्र से सांस छोड़ी जाती है. इससे फेफड़े सही तरह से कार्य करते हैं और पूरी गंदगी भी साफ हो जाती है. इसके अलावा यह आसन थकान और डिप्रेशन को भी दूर करता है. अस्थमा के मरीजों को हर रोज सुबह यह आसन जरूर करना चाहिए.
अस्थमा में अनुलोम विलोम के फायदे
अनुलोम विलोम अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. यह न सिर्फ अस्थमा पर रोक लगाता है, बल्कि फेफड़ों को भी सुरक्षित रखता है. सबसे बड़ा फायदा होता है कि योग जरिए रोगी सांस लेने की प्रक्रिया को कंट्रोल कर पाते हैं. धीरे-धीरे सांस लेने के प्रैक्टिस करने से ब्रीदिंग की प्रॉब्लम सामान्य हो जाती है. योग की वजह से छाती की मांसपेशियां रिलैक्स हो जाती हैं, जिससे सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं होती. योग के अलावा मेडिटेशन भी इसमें काफी मदद करता है.
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