लखनऊ: सरकारी लेन-देन को कम करने और पारदर्शिता और कार्यकुशलता में सुधार लाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, अधिक बारिश, बिजली आदि प्राकृतिक कैलमिकियों के समय में भारतीय रिजर्व बैंक की ई-कुबेर प्रणाली को सीधे पेयी के बैंक खाते में वितरित करने की ठान ली है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को ई-कुबेर पोर्टल को जल्द से जल्द लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। यह प्रणाली भुगतान में देरी को भी दूर करेगी और पारगमन में खोए जाने वाले पेपर वाउचर के जोखिम को समाप्त करेगी। आपदा राहत राशि का हस्तांतरण फिलहाल जिला स्तर पर ही किया जा रहा है।
इसकी मैनुअल प्रक्रिया में घटना का ब्यौरा अधिसूचित होने के बाद लेखपाल द्वारा नुकसान का लेखा-जोखा दर्ज किया जाता है, जिसे फिर राजस्व अधिकारियों की एक श्रृंखला द्वारा अनुमोदित कर के भुगतान के लिए जिलाधिकारी के पास भेजा जाता है जिसके बाद भुगतान कोषागार में किया जाता है। इस प्रक्रिया में लंबी कागजी कार्रवाई के कारण पीड़ित को राहत प्रदान करने में अनावश्यक देरी शामिल है। पीड़ित सीधे दावे के लिए फाइल करने के अधिकार से भी वंचित हैं।
पहले चरण में सभी प्रकार के कृषि निवेश अनुदान ऑनलाइन हस्तांतरित किए जाएंगे, जबकि दूसरे चरण में प्राकृतिक आपदाओं के कारण जानमाल और आजीविका के नुकसान के मामलों में राहत कोष भी ऑनलाइन हस्तांतरित किया जाएगा। ई-कुबेर से बाढ़, सूखा, आग फैलने, ओलावृष्टि, कोहरा और शीत लहरों, बादल फटने, भूकंप/सुनामी, चक्रवात, भूस्खलन, कीट हमले, हिमस्खलन, बेमौसम भारी बारिश, आकाशीय बिजली, गरज, हीट स्ट्रोक, नाव दुर्घटनाओं, सर्पदंश, सीवर सफाई, रिसाव गैस और जंगली जानवरों के हमले के मामलों में सरकारी सहायता के त्वरित हस्तांतरण की सुविधा मिलेगी।
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