योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने की ख़ुशी सिर्फ उत्तर प्रदेश कि जनता ही नहीं बल्कि देश भर की जनता मना रही है. ऐसा हर्ष तो शिवराज सिंह चौहान के मध्यप्रदेश में मुख्य मंत्री बनने पर पड़ोसी राज्य कि जनता ने भी नहीं बनाई होगी, ऐसी ख़ुशी तो देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने पर दूसरे पड़ोसी राज्यो ने नहीं बनाई होगी. शायद ये असर है कट्टर हिंदुत्व छवि का, तो क्या आज की जनरेशन कट्टर हिंदुत्वता पसन्द करती है.
बुजुर्ग कहते है आज कि पीढ़ी अपने संस्कार भूलती जा रही है पश्चिमी संस्कृति को अपना रही है. मगर चुनाव के नतीजे बयां करते है हिंदुत्व छवि अपना असर दिखा रही है. सवाल ये है कि ये कट्टर हिंदुत्व छवि से आशय क्या है, क्या मुस्लिम विरोधी कार्य और बयान देना ही कट्टर हिन्दू छवि बनाता है. इस बात पर एक लाइन याद आती है मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना. अगर इस बात में सच्चाई है तो ये भी मानना होगा कोई भी धर्म किसी दूसरे मजहब के अनुयायियों को परेशान करना नहीं सिखाता. इसलिए ये कट्टर हिन्दू छवि का तमगा देना सिरे से नकारा जाता है.
चूकि रिवायत है, कोई राजीनति से जुड़ा हो या फिल्म से, सुर्ख़ियो में छाने के लिए विवादित बयान तो देना होंगे. लोग अच्छा काम करते है तो ध्यान नहीं देते मगर एक गलती करने के बाद आपके अच्छे कामो की लोकप्रियता भी बढ़ जाती है. फ़िलहाल योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनने के लिए बधाई, उम्मीद है जो कांग्रेस और सपा के शासन में उत्तर प्रदेश में विकास नहीं हुआ वह अब होगा.
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