लखनऊ: देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में एक बार फिर योगी आ गए। उत्तर प्रदेश की बागडोर दोबारा उनके हाथों में होगी। चुनाव प्रचार के चलते एक वक़्त ऐसा भी आया जब लगा कि सूबे की लड़ाई मुश्किल हो गई है तथा पासा किसी प्रकार भी पलट सकता है मगर सात मार्च को आए एग्जिट पोल ने 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणामों का संकेत दे दिया। हुआ भी ऐसा ही। सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तर विधान सभा चुनाव में अपने सहयोगियों के साथ 273 सीटों पर जीत दर्ज कर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया। उत्तर प्रदेश का यह चुनाव कई मायनों में अहम है, इसके कई राजनीतिक नहितार्थ एवं संकेत हैं। यहां हम भगवा पार्टी की जीत की ठोस पांच वजहों के बारे में बताएंगे-
लोगों को प्रभावित किया सुरक्षा का मुद्दा:-
यूपी में योगी सरकार के आने के पश्चात् जनता ने खुद को सुरक्षित महसूस किया। 2017 से पहले राज्य में प्रत्येक स्थान पर एक असुरक्षा का माहौल था। इसका एक प्रमुख कारण पूर्व की समाजवादी सरकार को माना जाता है। सपा पर इल्जाम लगता रहा है कि सत्ता में रहते हुए उसने माफियाओं, अपराधियों एवं असमाजिक तत्वों को संरक्षण दिया। वही वर्ष 2017 में लोगों बड़ा राजनीतिक परिवर्तन करते हुए बीजेपी को चुना। सूबे में कानून-व्यवस्था का राज कायम करने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने स्वयं को एक सख्त प्रशासक के तौर पर पेश किया। उन्होंने अपराधियों-माफियाओं, दंगाइयों सभी पर सख्त एक्शन लिया।
विकास के कार्य जो स्पष्ट दिखे:-
बीते 5 सालों में प्रदेश में हुए विकास कार्यों से लोग प्रभावित हुए। राजमार्गों, एक्सप्रेस-वे, मेडिकल कॉलेज, नए स्कूलों के निर्माण से उत्तर प्रदेश की छवि बदली। पूर्ववर्ती सरकारों में विकास कार्यों की रफ़्तार जो धीमी पड़ी थी उसे योगी सरकार ने तेज किया। प्रत्येक क्षेत्र में कार्य हुए। ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों के विकास एवं पुनरोत्थान के लिए योगी सरकार ने काम किया। अयोध्या, मथुरा एवं काशी को नए सिरे से तैयार किया गया। हिंदू आस्था एवं प्रतीकों को सरकार में खास आदर एवं सम्मान प्राप्त हुआ। इससे हिंदू समुदाय में बीजेपी से जुड़ाव पहले से अधिक हुआ।
केंद्रीय योजनाओं का फायदा:-
केंद्रीय योजनाओं का फायदा आमजन तक पहुंचाने एवं लागू करने में योगी सरकार बहुत आगे रही। उज्ज्वला स्कीम के तहत निर्धन परिवारों तक गैस कनेक्शन, प्रधानमंत्री आवास स्कीम के तहत लाखों परिवारों के पक्के आवास बने, गांवों में बने 'इज्जत घर' ने गरीब परिवारों में एक नया आत्मविश्वास उत्पन्न किया। कोरोना की पहली लहर के चलते योगी सरकार ने जिस प्रकार से चुनौती को लिया तथा इससे निपटने के लिए जो कोशिश की एवं कदम उठाए उसने प्रदेश सरकार की एक अलग छवि पेश की। प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत सीमांत किसानों को हर साल छह हजार रुपए का नकद हस्तांतरण ने किसानों को संकट के वक़्त बहुत सहायता की।
सत्ता विरोधी लहर नहीं थी:-
सामान्य रूप से सत्ता में अपना कार्यकाल पूरा करने वाले दल को सत्ता विरोध लहर का सामना करना पड़ता है। इस सत्ता विरोधी लहर में उसे हानि उठानी पड़ती है मगर उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर नहीं थी। लोगों में गुस्सा स्थानीय विधायकों के प्रति था मगर पार्टी एवं विचारधारा के आगे लोगों ने नापसंद प्रत्याशियों को भी चुना। कई स्थानों पर लोग ये कहते देखे गए कि वे अपने स्थानीय विधायक को पसंद नहीं करते मगर विचारधारा एवं सोच के चलते उन्होंने बीजेपी को वोट दिया। इस चुनाव में बीजेपी ने अपना आंतरिक सर्वे कराया था।
प्रधानमंत्री मोदी में लोगों का विश्वास:-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी है। वक़्त-वक़्त पर यूपी का उनका दौरा उत्तर प्रदेश से उनके विशेष लगाव को दिखाता है। पीएम नरेंद्र मोदी अपने कार्यक्रमों में बार-बार यह बोलते रहे हैं कि प्रदेश को तेज रफ़्तार से विकास करने के लिए 'डबल इंजन' की सरकार आवश्यक है। पिछले 5 वर्षों में 'डबल इंजन' की सरकार की ताकत को लोगों ने महसूस किया। जनता को लगा कि प्रदेश का विकास रफ़्तार से करने के लिए 'डबल इंजन' की सरकार का होना आवश्यक है।
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