उत्तर प्रदेश के सभी रिकॉर्ड्स में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम के साथ 'रामजी' जोड़ा जाएगा। योगी सरकार ने गुरुवार को राज्यपाल राम नाईक की सलाह के बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर करने का आदेश जारी किया। उधर, बसपा और सपा ने कहा कि योगी सरकार काम का दिखावा करती है। कभी राम के नाम पर, कभी हनुमान के नाम पर तो कभी गाय के नाम पर लोगों का ध्यान भटकाती है। अब उसने आंबेडकर का सहारा लिया है।
- डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्यप्रदेश में हुआ था। पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का भीमाबाई था। वे 14वीं संतान थे। उन्होंने विदेश जाकर इकोनॉमिक्स में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी, ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय थे।
- गवर्नर राम नाईक लंबे वक्त से इसे लेकर एक कैंपेन चला रहे थे। उनका कहना है कि अंबेडकर महाराष्ट्र से जुड़े थे। लेकिन कभी भी उनके नाम के साथ पिता का नाम रामजी नहीं जोड़ा गया। उनका कहना था कि रामजी ना जोड़कर हम बाबा साहेब का अधूरा नाम लेते आए हैं
- सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार के मुताबिक, राज्यपाल राम नाईक ने सरकार को संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति के संलग्नक की एक फोटो कॉपी भेजी थी, जिसमें बाबा साहब ने अपने हस्ताक्षर करते हुए डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा था।
- राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह का ने कहा- "सभी ऑफिसों में डॉ. भीम राव रामजी आंबेडकर की फोटो 1 अप्रैल से लगाई जाएंगी।"
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