लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बेघर पशुओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत योगी सरकार ने उन किसानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है, जो दूध देना बंद करने पर गायों को बेसहारा छोड़ देते हैं। योगी सरकार में पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार (30 मई 2022) को कहा कि ऐसे किसानों के खिलाफ पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के MLA अवधेश प्रसाद की तरफ से विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, 'कसाई और किसान में फर्ज है। हम किसानों का ध्यान रखेंगे, कसाइयों का नहीं। अपने पशुओं को छोड़ने वालों के खिलाफ पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।' प्रसाद ने सरकार से आवारा पशुओं की परेशानी को लेकर उनकी क्या योजना है और इनके कारण मारे गए लोगों को मुआवजे से संबंधित सवाल पूछा था। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि, 'ये आवारा मवेशी नहीं हैं, बल्कि उन्हें छोड़ा गया है। सभी जानते हैं कि उन्हें किसने छोड़ा है। जब एक गाय दूध देती है तो उसे रखा जाता है और जब दूध देना बंद करती है तो उसे बेसहारा छोड़ दिया जाता है।'
अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने के एक महीने बाद ही राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेघर पशुओं के आश्रय की दिशा में काम आरंभ कर दिया है। बेघर पशुओं की समस्या से निपटने के लिए योगी सरकार एक योजना लाने की तैयारी कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सरकार बनने पर इस समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था। बता दें कि योगी सरकार अगले 6 महीने के भीतर बेघर पशुओं के लिए बने शेल्टर होम्स की तादाद एक लाख तक पहुँचाने की योजना पर काम कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस योजना में 50000 बेघर पशुओं के लिए 100 दिनों के अंदर शेल्टर का प्रबंध करना कारण शामिल है। आने छह माह में इसे 1 लाख तक बढ़ाया जाएगा।
एनएचए ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड का अनावरण किया
शादी में 'फोटोग्राफर' नहीं लाया वर पक्ष, तो दुल्हन ने वापस लौटा दी पूरी बारात.. जानें पूरा मामला