लखनऊ: देश में कोरोना महामारी के कारण काफी कुछ बदल रहा है। राज्य और केंद्र अपने राजस्व में आई कटौती के बाद नए-नए फार्मूले पर प्रयोग कर रहे हैं। इसी के तहत अब राजस्व की कमी का सामना कर रही यूपी सरकार ने युवाओं को तगड़ा झटका दिया है। योगी सरकार ने एक ऐसे प्रस्ताव को लाने का विचार कर रही है। जिसके तहत राज्य में भर्ती होने वाले युवाओं को अब पहले पांच वर्ष तक संविदा पर काम करना होगा।
पांच वर्ष तक संविदा पर काम करने के बाद उनकी एक परीक्षा होगी और उसमें उत्तीर्ण होने के बाद ही वह परमानेंट कर्मचारी बन पाएंगे। उल्लेखनीय है कि यूपी सरकार ने अपनी सभी विभागों से एक प्रस्ताव पर चर्चा करने के निर्देश दिए है। जिसमें तहत उत्तरप्रदेश मे सरकारी नौकरियों में अब भर्ती होने वाले ग्रुप B और C के कर्मचारियों को परीक्षा पास करने के बाद पहले 5 वर्ष तक के लिए संविदा पर रखा जाएगा।
संविदा के दौरान इन कर्मचारियों की नियमित कर्मचारियों जितनी सैलरी और लाभ नहीं मिलेंगे। इसके बाद विभाग प्रति माह में कर्मचारी का मूल्यांकन करेगा। जिसमें उसे 60 फीसद अंक लाना होगा। इसका मूल्यांकन उनके अफसर करेंगे। यह प्रकिया 5 वर्षों तक चलेगी इसमें यदि कोई कर्मचारी असफल रहा तो उसे नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा।
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