लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में खुलने जा रहे डिटेंशन सेंटर के मुद्दे पर योगी सरकार ने पांव पीछे हटा लिए हैं. सरकार की तरफ से अब अपना फैसला वापस ले लिया गया है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया था. अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है.
उल्लेखनीय कि बीते दिनों ही योगी सरकार ने इसकी स्वीकृति दी थी, जिसका निर्माण राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जाना था. फैसले के अनुसार, ऐसे लोग जो कि विदेशी हैं और जेलों में सजा काट चुके हैं और जिन्हें अपने देश वापस भेजने में समय लग रहा है उन्हें इस डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा. केंद्र सरकार के आदेश के बाद ही योगी सरकार ने इसे बनाने का निर्णय लिया था.
योगी सरकार के इस फैसले के बाद बसपा सुप्रीमो और राज्य की पूर्व सीएम मायावती ने इसका विरोध किया था. मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'गाजियाबाद में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित बहुमंजिला डॉ. अंबेडकर एससी/एसटी छात्र हॉस्टल को 'अवैध विदेशियों' के लिए यूपी के पहले डिटेंशन सेंटर के रूप में कन्वर्ट करना अति-दुःखद व अति-निन्दनीय. यह सरकार की दलित-विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण. सरकार इसे वापस ले बीएसपी की यह मांग.'
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