मुंबई: शुक्रवार को डासना देवी मंदिर के यति नरसिंहानंद गिरि ने एक वीडियो जारी कर योगी आदित्यनाथ सरकार से अपनी 'अवैध हिरासत' से रिहाई की मांग की है, जिससे वह अपने खिलाफ दायर जनहित याचिका का उत्तर दे सकें। यति नरसिंहानंद ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें असंवैधानिक तरीके से नजरबंद किया है, जिससे वह छुटकारा पाना चाहते हैं।
महाराष्ट्र स्थित हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद यूसुफ ने दो दिन पहले उनके खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की थी। यह वीडियो यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव डॉ. उदिता त्यागी ने मीडिया के साथ साझा किया। वीडियो में नरसिंहानंद ने दावा किया कि प्रशिक्षित हत्यारों द्वारा उनका क़त्ल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मरने से पहले वे पैगंबर पर दिए गए अपने बयान को स्पष्ट करना चाहते हैं तथा इसके लिए उन्हें प्रामाणिक इस्लामी पुस्तकों से साक्ष्य जुटाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि वह अपनी कही गई बातों का प्रमाण उच्च न्यायालय के सामने रखना चाहते हैं जिससे सही न्याय हो सके, क्योंकि जिसे अपराधी घोषित किया जा रहा है, उसका पक्ष सुने बिना न्याय नहीं हो सकता।
यति ने कहा, "मैं इस नजरबंदी में प्रमाण एकत्र नहीं कर सकता। इसके लिए मुझे विभिन्न स्रोतों से सबूत जुटाने होंगे।" नरसिंहानंद पर 29 सितंबर को गाजियाबाद में एक कार्यक्रम में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए घृणास्पद भाषण देने का मुकदमा दर्ज किया गया था, तत्पश्चात, व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ। मुंबई निवासी मोहम्मद यूसुफ एवं जाकिर हुसैन मुस्तफा शेख द्वारा दायर जनहित याचिका में नरसिंहानंद के विवादित भाषण को सभी सोशल मीडिया मंचों से हटाने की मांग की गई है।
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