नई दिल्ली: आज यानी बुधवार (26 जुलाई) को केंद्र सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव की मांग करते हुए नोटिस पेश किया। इस बीच 2018 में इसी तरह के प्रस्ताव पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया जवाब वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने मजाक में विपक्षी दलों को 2023 में भी इसी तरह की कवायद करने के लिए तैयार रहने को कहा था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि, 'मैं आपको शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आप इतनी तैयारी करें कि आपको 2023 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाने का मौका मिले।'
VIDEO: PM Sh @narendramodi had made a prediction 5 years back about the opposition bringing a No confidence motion! pic.twitter.com/dz8McicQ40
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) July 26, 2023
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पीएम मोदी के भाषण के इस हिस्से को उनकी "भविष्यवाणी" पर प्रकाश डालने के लिए शेयर किया है। तब लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था और इसे अहंकार बताया था। इसपर पीएम ने जवाब देते हुए कहा था कि ये हमारा समर्पण भाव है, यह आपके अहंकार का परिणाम था कि 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की सीटें एक समय में 400 से गिरकर लगभग 40 हो गईं।' उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2018 में किसानों से जुड़े बिल के मुद्दे पर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. इस मुद्दे पर सदन में लगभग 11 घंटे की बहस हुई थी, बहस के बाद मतदान हुआ था, जिसमें विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी थी. अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में उस समय 126 और विपक्ष में 325 वोट पड़े थे, यानी मोदी सरकार ने आसानी से इस सियासी जंग में जीत दर्ज की थी।
बता दें कि, कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने बुधवार को मणिपुर मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग करते हुए नोटिस सौंपा। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने लोकसभा महासचिव के कार्यालय को एक नोटिस सौंपा। अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक अलग नोटिस BRS के फ्लोर लीडर नागेश्वर राव ने स्पीकर को सौंपा था। BRS का नेतृत्व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के।चंद्रशेखर राव कर रहे हैं। विपक्षी दल मणिपुर में हिंसा का इस्तेमाल भाजपा सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से ही विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि पीएम मोदी मणिपुर में हुई हिंसा पर संसद के अंदर बयान दें। बता दें कि, संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से आरम्भ हुआ था। सरकार ने उस समय भी स्पष्ट कर दिया था कि, वो मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अनुराग ठाकुर आदि संसद में मणिपुर पर चर्चा के लिए पहल कर चुके हैं, लेकिन विपक्ष प्रधानमंत्री के बयान कि मांग पर अड़ा हुआ है। जिसके चलते संसद की कार्रवाई लगातार ठप्प हो रही है और महत्वपूर्ण बिल लंबित पड़े हुए हैं।
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