जब हम अकेले होते है, तब हमे मां का प्यार याद आता है. बीमार हो तब ज्यादा मां की याद आती है. यदि आप नौकरी या पढ़ाई के सिलसिले में घर से दूर होते है, तब बीमार होने पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दवाई कौन लाए या खाना कैसे खाया जाए, घर के प्यार की भी बहुत याद सताने लगती है.
कई बार तो ऐसा भी होता है कि साधारण से बुखार आने पर भी मरने जैसी फीलिंग आती है. मां का फोन करना अब नहीं खलता. डॉक्टर के पास अकेले जाने की भी हिम्मत नहीं होती, अकेले वेटिंग रूम में बैठना और फिर डॉक्टर से कंसल्ट करना आसान नहीं है.
कई बार तो बिस्तर से उठना भी मुश्किल लगता है, कई बार तो बहुत भूख लगती है, ऐसी हालत में बिस्किट और जैम ब्रेड से ही काम चलाना पड़ता है. अकेलेपन का सहारा तो सोशल मीडिया है, एक बार फीलिंग सिक का स्टेटस डालते ही कितने लोग मेसेज और कमेंट करने लग जाते है, कुछ तो आपको मदद भी ऑफर करने लगते है.
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