पैरा मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने की बात की जाएं तो वर्तमान में फिजियोथेरपी स्ट्रीम में बढ़िया अवसरों की संभावनाएं मौजूद हैं. जिस प्रकार से मौजूदा दौर में लोगो की स्वास्थ के प्रति जागरूकता बढ़ी है. उस जागरूकता ने इसके प्रोफेशनल की मांग भी बढ़ा दी है. इनके अलावा फिजियोथेरपी को वर्तमान में लाइलाज बीमारियों के लिए कारगर इलाज के रूप में भी आंका जा रहा है. अगर इस क्षेत्र में करियर बनाने की बात की जाये, तो लगभग हर मेडिकल सेंटर में फिजियोथेरपिस्ट अनिवार्य रूप से शामिल किए जा रहे हैं. सिर्फ अस्पतालों में ही नहीं बल्कि स्पोर्ट्स, आर्मी जैसी फील्ड में भी बतौर फिजियोथेरेपिस्ट करियर बना सकते हैं.
इन कोर्सेस में ले सकते है एडमिशन...
फिजियोथेरपी में आप डिप्लोमा, बैचलर, पीजी, एमफिल व पीएचडी तक के कोर्सेस में दाखिला ले सकते हैं. बैचलर लेवल के कोर्स को बीपीटी यानी बैचलर ऑफ फिजियोथेरपी कहते है. कोर्स का ड्यूरेशन सामान्यत: साढ़े चार साल होता है. इसमें आखिरी छह महीने इंटर्नशिप के होते हैं. एमपीटी यानि मास्टर ऑफ फिजियोथेरपी, दो साल के इस कोर्स में आप समकक्ष विषय से विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं. इसमें न्यूरोलॉजिकल फिजियोथेरपी, पिडियाट्रिक फिजियोथेरपी, स्पोर्ट्स फिजियोथेरपी, ऑथ्रोपेडिक फिजियोथेरपी, ऑब्सेक्ट्रिक्स फिजियोथेरपी, पोस्ट ऑप्रेटिव फिजियोथेरपी, कार्डियोवास्कुलर फिजियोथेरपी आदि में स्पेशलाइजेशन भी किया जा सकता है.
इन स्किल्स पर होना चाहिए आपकी पकड़...
कम्यूनिकेशन स्किल
प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल
सहनशक्ति व जुझारु व्यक्तित्व
आत्मविश्वास
देश के कुछ प्रमुख फिजियोथेरपी इंस्टिट्यूट...
अपोलो फिजियोथेरपी कॉलेज, हैदराबाद
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एजूकेशन एंड रिसर्च, पटना
निजाम इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, तेलंगाना
एसडीएम कॉलेज ऑफ फिजियोथेरपी, कर्नाटक
महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एजुकेशन, केरल
के जे सौम्या कॉलेज ऑफ फिजियोथेरिपी, मुंबई
जे एस एस कॉलेज ऑफ फिजियोथेरपी, मैसूर.
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