नया इलाज खोजने की दिशा में वैज्ञानिकों ने एक अहम कदम बढ़ाया है. दिल की गंभीर बीमारियों को समाप्त करने के लिए वैज्ञानिकों ने विशेष शोध को प्रांरभ किया है. जिसके बाद शोध में पाया गया है कि इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी कुछ कोशिकाएं दिल के विकास में भूमिका निभाती हैं. साथ ही वयस्कों में दिल कैसे धड़कता है, यह निर्धारित करने में भी इनकी भूमिका रहती है. इम्यून कोशिकाओं बी-सेल्स और दिल की रक्त वाहिनियों (ब्लड वेसल्स) की अंदरूनी परत में कुछ संबंध पाया गया है.
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इस विशेष शोध के दौरान जिन चूहों के शरीर से बी-सेल्स को हटा दिया गया था, उनका दिल अपेक्षाकृत छोटा और सिकुड़ा हुआ पाया गया. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि बी-सेल्स की गतिविधियों को समझते हुए दिल की कई गंभीर बीमारियों का नया और कारगर इलाज खोजना संभव हो सकता है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शरीर के अन्य अंगों पर भी बी-सेल्स का प्रभाव रहता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लो-कार्ब डाइट यानी कम कार्बोहाइड्रेट वाला खानपान शरीर के साथ-साथ दिमाग की सेहत के लिए भी फायदेमंद है. हालिया शोध में पाया गया है कि लो-कार्ब डाइट लेने वालों में उम्र के कारण दिमाग पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं. यहां तक कि ऐसा खानपान उम्र के कारण दिमाग पर पहले से पड़ चुके असर को भी ठीक करने में सक्षम है.वैज्ञानिकों का कहना है कि बड़ी उम्र से जुड़े न्यूरोबायोलॉजिकल बदलावों के लक्षण बहुत पहले से ही दिखने लगते हैं. 50 साल की उम्र से पहले ही इन लक्षणों को जांच में पकड़ा जा सकता है और अगर खानपान में उचित बदलाव कर लिया जाए, तो इन प्रभावों को खत्म भी किया जा सकता है. इस अध्ययन के लिए 18 से 88 साल की उम्र के करीब 1000 लोगों से जुड़े डाटा का विश्लेषण किया गया था.
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