'आपने तो डोकलाम विवाद के समय चीनी राजदूत के साथ गुपचुप खाना खाया था..' , राहुल गांधी के आरोप पर भाजपा का करारा पलटवार

'आपने तो डोकलाम विवाद के समय चीनी राजदूत के साथ गुपचुप खाना खाया था..' , राहुल गांधी के आरोप पर भाजपा का करारा पलटवार
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नई दिल्ली: भाजपा ने आज शुक्रवार (25 अगस्त) को  कारगिल में राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान 'चीन ने भारत की जमीन ले ली है' पर पलटवार करते हुए कांग्रेस से पूछा है कि कांग्रेस का चीन के साथ क्या रिश्ता है। यह बयानबाज़ी पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में संक्षिप्त बातचीत के एक दिन बाद हुई है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि, 'हम चीन के साथ कांग्रेस के रिश्ते और चीन के साथ अपने रिश्ते को स्पष्ट करना चाहते हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार आने के बाद, 2020 में, बीजिंग के एक थिंक टैंक ने कहा कि 'चीन अपने सबसे खराब राजनयिक अलगाव के दौर से गुजर रहा है- तियानआनमेन चौक।"

त्रिवेदी ने आगे कहा कि, 'मुझे समझ नहीं आता कि राहुल गांधी चीन पर इतना प्यार क्यों दिखाते हैं। क्या यह राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) को मिले अनुदान के कारण है? राहुल गांधी कहते हैं कि लोगों ने उनसे कहा... पर ये लोग कौन हैं? डोकलाम विवाद के दौरान उन्होंने (राहुल ने) जो खाना खाया था चीनी राजदूत के साथ, संबंध का खुलासा उन्होंने नहीं, बल्कि चीन द्वारा शेयर की गई एक तस्वीर से हुआ था। नेहरू के समय में, उन्होंने चीन को सहायता और भोजन प्रदान किया था जैसा कि नेहरू ने खुद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था।' उन्होंने आगे कहा कि, "क्या आप सही हैं या नेहरू सही थे, जब उन्होंने 1962 में सरकार के साथ खड़े होने के लिए RSS की प्रशंसा की थी?" 

बता दें कि, राहुल गांधी ने आज शुक्रवार को कारगिल में कहा कि जब उन्होंने पैंगोंग झील का दौरा किया, तो उन्हें एहसास हुआ कि चीन ने हजारों किलोमीटर भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि, ''लद्दाख का हर व्यक्ति जानता है कि चीन ने हमारी जमीन ले ली है और पीएम सच नहीं बोल रहे हैं।'' इस पर भाजपा सांसद त्रिवेदी ने कहा कि, "1971 में, भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, अटलजी ने इंदिरा गांधी की प्रशंसा की थी। 2010 में, जब नवाज शरीफ ने डॉ. मनमोहन सिंह पर हमला किया, तो मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी।" त्रिवेदी यह कहना चाह रहे थे कि, भाजपा ने विपक्ष में रहकर भी अन्य देशों के सामने भारत सरकार का पक्ष मजबूती से लिया, जबकि कांग्रेस विपक्ष में रहते समय दूसरे देशों के बहाने अपने देश की सरकार पर हमलावर है। 

क्या डोकलाम विवाद के दौरान चीनी राजदूत से मिले थे राहुल गांधी?

दावा है कि भाजपा ने दोहराया कि डोकलाम विवाद के दौरान राहुल गांधी ने चीनी राजदूत से गुप्त रूप से मुलाकात की थी और भारत को इसकी जानकारी तब हुई, जब चीनी राजदूत ने खुद इस मुलाकात की तस्वीरें सार्वजनिक कीं. तब तक कांग्रेस ने कुछ भी जाहिर नहीं किया था कि, राहुल डोकलाम विवाद के बीच गुप्त रूप से चीनी राजदूत से क्यों मिले थे और दोनों में क्या बातचीत हुई ? बाद में जब तस्वीरें सामने आईं, तो कांग्रेस ने बैठक का सही समय बताए बिना स्वीकार किया कि राहुल गांधी ने चीन और भूटान के राजदूतों से मुलाकात की थी। हालाँकि, इसके बाद भी बैठक में क्या चर्चा हुई ? इस पर आज भी संशय है । 

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