'संविधान लेकर घुमते हो, कितने पन्ने हैं इसमें..', लोकसभा में जमकर गरजे अनुराग ठाकुर, वॉकआउट कर गया विपक्ष
'संविधान लेकर घुमते हो, कितने पन्ने हैं इसमें..', लोकसभा में जमकर गरजे अनुराग ठाकुर, वॉकआउट कर गया विपक्ष
Share:

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में विपक्षी सांसदों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए पुछा कि, 'संविधान में कितने पन्ने हैं? कितने? इसे 'इतना' मोटा मत कहो। बताओ इसमें कितने पन्ने हैं? आप हर दिन अपने साथ घूमते रहते हैं। क्या आपने इसे एक बार भी पढ़ने की जहमत नहीं उठाई? ​​आप पढ़ते नहीं, बल्कि इसे इधर-उधर लहराते हैं। इसे अपनी जेब से निकालो और देखो। ठाकुर ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में बोल रहे थे।

 

ठाकुर ने कहा कि, संविधान को धर्मनिरपेक्षता शब्द की तरह इधर-उधर फेंका जा रहा है, इसका अवमूल्यन और अपमान किया जा रहा है, वह भी एक ऐसी पार्टी द्वारा जो हमेशा से दोनों शब्दों के मूल्यों के खिलाफ काम करती रही है। वरिष्ठ भाजपा सांसद ने कहा कि, अगर आप संविधान को बचाने के लिए इतने ही प्रतिबद्ध हैं, तो आपको संसद में यह कहना चाहिए कि कांग्रेस फिर कभी आपातकाल लगाने की गलती नहीं करेगी। आपको देश से माफ़ी भी मांगनी चाहिए।

अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस को आइना दिखाते हुए कहा कि, कांग्रेस ने संविधान (बाबा साहेब अंबेडकर) देने वाले व्यक्ति का अपमान किया है और उन्हें राजनीति से बाहर रखा है। ठाकुर ने याद दिलाया कि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने अनुच्छेद 356 का कई बार दुरुपयोग किया है। उन्होंने 93 बार विपक्ष शासित राज्य सरकारों को गिराया है। वे कहते थे कि इंदिरा ही इंडिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, संविधान लागू होने के महज 15 महीने बाद नेहरू ने अनुच्छेद 19 पर शर्तें लगाने की कोशिश की थी। बता दें कि, भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की आज़ादी देता है, लेकिन नेहरू कार्यकाल में संविधान बदलकर इसमें शर्तें लागू जोड़ दिया गया था।

कांग्रेस द्वारा अपने बेहतर प्रदर्शन को विपक्ष के लिए बड़ी बढ़त और भाजपा की हार के रूप में पेश करने की आलोचना करते हुए ठाकुर ने कहा कि, एक तरफ हमने चंद्रयान, आदित्य एल 1 की सफलता देखी, वहीं दूसरी तरफ क्या राहुलयान एक बार फिर विफल हो गया? 4 जून से वे यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि 99, 240 से बड़ा नंबर होता है। कांग्रेस को इस बार 99 सीटें मिलीं, उनमें से एक सीट छूट गई और उनके पास 98 रह गए। उन्होंने तीसरी बार विपक्ष में रहने का रिकॉर्ड बनाया। लेकिन उनका अहंकार और तानाशाही सोच अभी भी वही है।" 

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस को यह भी याद दिलाया कि वह 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में भाजपा जितनी सीटें कभी नहीं जीत पाई। उन्होंने कहा कि, जब राष्ट्रपति ने कहा कि स्थिर बहुमत प्राप्त हो गया है, तो उन्होंने (कांग्रेस ने) बहुत अशांति पैदा की। जब आपने 2004 और 2009 में सरकार बनाई, तो क्या आपको 240 सीटें मिलीं थी? आप इतने भी करीब नहीं थे। आपको केवल 145 सीटें मिलीं थी। ठाकुर ने कहा, देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी ने केवल 60 प्रतिशत सीटों, यानी 328 सीटों पर चुनाव लड़ा था। और उनमें से भी वे 70 प्रतिशत सीटों पर हार गए। जब ​​कोई पार्टी अपने मानक इतने कम रखती है और औसत से नीचे प्रदर्शन करती है, तो उन्हें लगता है कि यह भारी है।

अनुराग ठाकुर ने विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक पर आगे हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने ऐसे सहयोगियों के साथ गठबंधन किया है जो या तो जेल में हैं या जमानत पर हैं। ठाकुर ने कहा, जब वे पहले दो बार भाजपा को नहीं हरा पाए तो उन्होंने जेल में बंद और जमानत पर बंद लोगों का गठबंधन बना लिया। यहां भी कुछ (सांसद) जमानत पर हैं। उनकी पिछली सरकारें कई घोटालों में लिप्त थीं, चाहे वह 2जी घोटाला हो, कॉमनवेल्थ घोटाला हो, पनडुब्बी घोटाला हो। उन्होंने कोई घोटाला नहीं छोड़ा। जब उन्होंने अपने सहयोगी चुने, तो उन्होंने उन लोगों को चुना जो शराब घोटाले, जमीन घोटाले, रिवरफ्रंट घोटाले में शामिल थे।  

उन्होंने आगे कहा कि अब एक अनोखी स्थिति देखने को मिल रही हैं, "जेल से काम"। उन्होंने कहा कि, उनमें से एक (भारत) ने दावा किया कि वह इतना नेक है कि अब वह जेल में है। हमने वर्क फ्रॉम होम के बारे में सुना था, लेकिन अब हमें वर्क फ्रॉम जेल का मौका मिल रहा है। सैम पित्रोदा को फिर से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर हमला करते हुए ठाकुर ने सवाल किया कि क्या विपक्ष के नेता राहुल गांधी उनके बयान का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि सैम पित्रोदा जो किसी के चाचा, मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक हैं। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या सैम पित्रोदा का बयान और कांग्रेस की विचारधारा एक जैसी है। अगर नहीं तो अंकल सैम को पार्टी में वापस लेना क्यों जरूरी था? राहुल गांधी को जिम्मेदारी लेनी होगी। क्या वह सैम पित्रोदा के बयान का समर्थन करते हैं? हम ऐसी नक्सली टिप्पणियों को स्वीकार नहीं करेंगे। यह भारत के लोगों का अपमान है। 

बता दें कि, इस साल चुनाव से ठीक पहले सैम पित्रोदा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय वह भारतीयों की शक्ल-सूरत को लेकर दिए गए अपने बयान से विवादों में घिरे थे। उस समय कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से खुद को अलग कर लिया था, लेकिन चुनाव ख़त्म होते ही कांग्रेस ने उन्हें वापस वही पद सौंप दिया है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा लोकसभा में शपथ ग्रहण के दौरान जय फिलिस्तीन के नारे लगाने पर आपत्ति जताते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि, हम 'जय फिलिस्तीन' के नारे को भी स्वीकार नहीं करते। क्या हम उस दिशा में बढ़ रहे हैं कि जो लोग 'जय भारत' कहने से इंकार करते हैं, वे 'जय पाकिस्तान' और 'जय चीन' के नारे लगाने लगें। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।' इस दौरान नरेंद्र मोदी 2.0 कैबिनेट में पहले भी मंत्री रह चुके भाजपा नेता ने पिछले 10 साल में नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं, लेकिन पूरा विपक्ष इस दौरान सदन से वॉकआउट कर गया था।

नाबालिग ने ठुकराया प्रपोजल, तो गुफरान ने काट दिया लड़की का गला, जबलपुर की घटना

किसानों के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना यूपी !

'अग्निवीर' पर राहुल गांधी का दावा सच या झूठ ? शहीद के परिजनों ने बताई पूरी बात, Video

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -