अब आप नई टेक्नोलॉजी से करंट कॉस्ट से आधे मूल्य पर अपना इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज कर पाएंगे. IIT के शोधार्थियों ने यह नई तकनीक को लॉन्च कर सकते है. जिसके द्वारा अब इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की लागत को बहुत कम कर दिया गया है. IIT टीम ने खुलासा किया कि देश के लीडिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरर में से एक ने पहले ही इस नई तकनीक में रुचि और भी रूचि दिखा चुकें है. वह इस पर बेस्ड एक फुल कॉमर्शियल प्रोडक्ट डेवलप करना चाहते हैं. हालांकि ये नई टेक्नोलॉजी अभी अपग्रेडेशन के फेज़ भी देखने को मिलने वाले है.
इस पर काम करने वाले रिसर्चर प्रो. राजीव कुमार सिंह ने बोला है कि देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ते मूल्य आम आदमी के लिए चिंताजनक हैं. पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती लागत और बढ़ते प्रदूषण के स्तर के मध्य, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कन्वेंशन आईसी इंजनों का सबसे अच्छा विकल्प हैं.
कैसे काम करती है ये नई टेक्नोलॉजी?: पावर ऑफ बोर्ड चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से कई वाहन निर्माता वाहन में ही ऑनबोर्ड चार्जर्स को शामिल करने के लिए मजबूर हो चुके है. हालांकि ईवी मालिक इन आउटलेट्स के माध्यम से अपने वाहनों को चार्ज कर पाएंगे. इससे लागत महंगी हो जाती है. जबकि नई तकनीक प्रोपल्शन मोड के लिए आवश्यक एक एडिशनल पावर इलेक्ट्रॉनिक्स इंटरफेस को कम कर रही है और इसलिए जिसमे शामिल कम्पोनेंट्स को 50% तक कम किया जा सकेगा.
40-50% तक कम हो जाएगी लागत: ये एक मोडिफाइड चार्जर है, जो चार्जिंग मोड के लिए चार्जर और प्रोपल्शन मोड के लिए इन्वर्टर के रूप में कार्य कर पाएंगे. ऐसे में ऑनबोर्ड चार्जर की लागत लगभग 40-50% कम हो सकती है. चार्जिंग लागत में कमी के उपरांत में ईवी की लागत भी कम हो सकती है. इस तरह से यह न्यू टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रिक वाहन के लिए कम लागत वाला अच्छा सौदा बन चुका है.
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