बुलढाणा: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले से एक अनोखी घटना सामने आ रही है। यहां एक बड़े भाई ने पापा की मौत के पश्चात् गुमसुम रहने वाले छोटे भाई को उनका पुतला बनाकर जन्मदिन पर तोहफे के तौर पर दिया। बड़े भाई का यह तोहफा पाकर छोटा भाई फूला नहीं समाया। खबर के अनुसार, चिखली शहर के गजानन नगर में रहने वाले अध्यापक दीपक विनकर की मौत कोरोना से डेढ़ वर्ष पहले हो गई थी। उनके दो बेटे हैं। एक 19 वर्षीय शुभम एवं दूसरा 14 वर्षीय सुमित। दोनों भाई अब मां के साथ ही रहते हैं। मगर दीपक की मौत के बाद उनका छोटा बेटा सुमित अक्सर गुमसुम रहता। उसका स्वभाव भी बहुत चिढ़चिढ़ा हो गया।
दरअसल, वह अपने पापा के काफी नजदीक था। उनकी मौत के बाद से उसका व्यवहार बिल्कुल ही बदल गया। सुमित की ऐसी हालत उसके बड़े भाई शुभम और मां से नहीं देखी जा रही थी। क्योंकि सुमित ने दोस्तों से साथ बात करना भी बंद कर दिया था। वह घर से भी नहीं निकलता तथा बात-बात पर नाराज हो जाता। फिर बड़े भाई शुभम ने सोचा कि क्यों न इस बार उसके जन्मदिन पर उसे कुछ ऐसा तोहफा दिया जाए जिससे कि वह पापा की कमी को महसूस न करे। उसने मां से इस बारे में बात की तथा योजना बनाई कि पापा दीपक का मोम का पुतला बनाकर उसे इस जन्मदिन पर गिफ्ट करेंगे। इससे सुमित को लगेगा कि पापा उसके पास ही हैं।
शुभम ने पुतला बनाने के लिए राजस्थान के एक कारीगर से संपर्क किया। फिर जयपुर में यह मोम का पुतला बनाया गया। इस पुतले में मोम और सिलिकॉन का उपयोग किया गया है। पुतला जब तैयार हुआ तो उसे बुलढाणा पहुंचाया गया। फिर दिन आया 30 नवंबर का। इस दिन सुमित का जन्मदिन था। शुभम ने मां संग मिलकर पुतले को कमरे में रख दिया। फिर सुमित को बताया कि कमरे में तुम्हारे लिए तोहफा है। जैसे ही सुमित कमरे में घुसा, पापा के मोम के पुतले को देखकर उसकी आंखों से आंसू निकल गए। उसे भरोसा नहीं हो रहा था कि उसे ऐसा भी जन्मदिन गिफ्ट मिल सकता है। उस दिन के पश्चात् से सुमित पापा के पुतले का बहुत ही अच्छे से ध्यान रखता है। शुभम और मां को भी पुतला देखकर ऐसा ही महसूस होता है कि जैसे दीपक उन्हीं के साथ इसी घर में हैं। वहीं, पूरे इलाके में भी इस मोम के पुतले की ख़बरें है।
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