आप नहीं जानते होंगे महेश बाबू के जीवन से जुड़ी ये खास बात

आप नहीं जानते होंगे महेश बाबू के जीवन से जुड़ी ये खास बात
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साउथ इंडस्ट्री के सबसे पॉपुलर स्टार्स में से एक महेश बाबू आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। महेश बाबू ने 2024 की शुरुआत में 'गुंटुर कारम' नाम की फिल्म से दर्शकों का दिल जीत लिया था। इस फिल्म ने अच्छा कलेक्शन किया और महेश बाबू के करियर में एक नया अध्याय जोड़ा। अब वह अपनी करियर की सबसे बड़ी फिल्म में नजर आने वाले हैं, जिसे एस एस राजामौली के साथ मिलकर बना रहे हैं। हालांकि, इस फिल्म के रिलीज होने में अभी कुछ समय है। इस खास मौके पर, आइए जानते हैं महेश बाबू के बारे में कुछ अनसुनी बातें।

महेश बाबू का जन्म और परिवार

महेश बाबू का जन्म 9 अगस्त 1975 को मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ था। उनके पिता कृष्णा साउथ सिनेमा के एक बड़े अभिनेता और फिल्म प्रोड्यूसर थे। महेश बाबू ने अपने पिता की राह पर चलते हुए खुद को साउथ फिल्म इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। आज वह साउथ के सबसे पॉपुलर एक्टर्स में गिने जाते हैं और हिंदी दर्शक भी उनकी कूल नेचर और अच्छे लुक्स की वजह से उन्हें पसंद करते हैं। महेश बाबू की खास बात यह है कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में इतने सालों से टिके रहने के बावजूद हमेशा अपनी शर्तों पर काम किया है और कॉन्ट्रोवर्सी से दूर रहे हैं।

रीमेक फिल्मों से दूरी

महेश बाबू ने अपने करियर की शुरुआत 1983 में एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर फिल्म 'पोरातम' से की थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट के रोल्स निभाए। 1999 में 'राजकुमार रुणु' फिल्म से उन्होंने लीड एक्टर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। महेश बाबू की एक खास बात यह है कि उन्होंने कभी भी रीमेक फिल्मों में काम नहीं किया। वह मानते हैं कि रीमेक बनाने से मूल फिल्म की ग्रेटनेस प्रभावित हो सकती है। यही वजह है कि उन्होंने हमेशा ओरिजिनल कंटेंट पर ध्यान दिया और रीमेक फिल्मों से दूरी बनाए रखी।

पिता कृष्णा का ट्रेंडसेटिंग योगदान

महेश बाबू के पिता कृष्णा भी साउथ सिनेमा के ट्रेंडसेटर रहे हैं। उन्होंने साउथ फिल्म इंडस्ट्री में कई एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया। 1982 में उन्होंने 'ईनाडु' फिल्म लाकर पहली ईस्टमैन कलर फिल्म पेश की। 1974 में उन्होंने 'अल्लूरी सीताराम राजू' फिल्म की, जो पहली सिनेमास्कोप फिल्म थी। इसके अलावा, 1986 में साउथ की पहली 70 mm फिल्म 'सिम्हासनम' भी उन्होंने बनाई थी। महेश बाबू ने भी अपने पिता की तरह फिल्म इंडस्ट्री में नए प्रयोग किए हैं। उन्होंने 'डॉल्बी EX सराउंड साउंड सिस्टम' की शुरुआत की, जिसका प्रयोग फिल्म 'निजाम' से शुरू किया गया था। महेश बाबू की बेटी सितारा भी फैंस के बीच काफी पॉपुलर हैं और उनकी पॉपुलैरिटी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। महेश बाबू ने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं और अपने पिता की तरह ही साउथ सिनेमा में एक अलग पहचान बनाई है।

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