इंदौर/ब्यूरो। कर्ज के जाल में फंसे युवक ने तंग आकर अपना पूरा परिवार खत्म कर लिया। युवक ने लॉकडाउन से पहले 4 अलग-अलग कंपनियों के मोबाइल एप से तीन लाख का पर्सनल लोन लिया था। जिसे वो समय पर नहीं चुका पाया। लोन रिकवरी वाले उससे हर हफ्ते तीन हजार रुपए पेनल्टी के वसूल रहे थे। परेशान युवक ने पत्नी और दोनों बच्चों को जहर दे दिया। इसके बाद फांसी लगा ली। मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। हालांकि मृतक के हाथ पीछे से बंधे थे। ऐसे में पुलिस हत्या के एंगल से भी जांच कर रही हैं।
मामला बाणगंगा इलाके के भागीरथपुरा का है। जहां अमित यादव पत्नी टीना, तीन साल की बेटी याना और डेढ़ साल के बेटे दिव्यांश के साथ किराये के मकान में रहते थे। वे मूलत: सागर के रहने वाले थे। अमित मोबाइल टॉवर कंपनी में इलेक्ट्रिक इंजीनियर था। अमित और टीना ने पांच साल पहले लव मैरिज की थी। मकान मालिक केदारनाथ ने बताया कि अमित की मां का फोन आया था। उन्होंने बेटे के फोन न उठाने पर बात कराने को कहा। जब मैं वहां पहुंचा तो उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद मैंने अमित की मां और पुलिस को जानकारी दी। वे यहां तीन साल से रह रहे थे।
मौके पर पहुंची पुलिस घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी, जहां चारों के शव मिले। पत्नी और बच्चों के शव जमीन पर पड़े थे। वहीं पति फंदे पर झूलता मिला। युवक के हाथ पीछे की ओर से बंधे हुए थे, जिसके चलते पुलिस हत्या के एंगल पर भी जांच कर रही है। अमित की पत्नी टीना सोमवार को दोनों बच्चों के साथ उज्जैन में महाकाल दर्शन करने गई थी। उनके साथ बच्चों की नानी भी गई थी, जो घर के सामने वाली लाइन में ही रहती है। टीना की मां रोज दोपहर 12 बजे उनके घर आती थी। मंगलवार को जब वो उनके घर पहुंची तो, दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा नहीं खुलने पर उन्होंने मकान मालिक को बताया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। इस बीच अमित के परिवार के लोगों ने भी फोन लगाया। फोन नहीं उठाने पर उन्होंने टीना की मां और मकान मालिक को भी फोन किया था।
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