युवाओं को जरूर पढ़ना चाहिए चाणक्य की ये बातें

युवाओं को जरूर पढ़ना चाहिए चाणक्य की ये बातें
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देश का भविष्य युवा पीढ़ी पर निर्भर है, क्योंकि युवा ही देश की रीढ़ हैं। युवाओं को सशक्त बनाने, उनका आत्मबल बढ़ाने और उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। भारत, जिसे युवाओं का देश कहा जाता है, यहां 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस भी मनाया जाता है, जो स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है।

युवावस्था का महत्व

जीवन की विभिन्न अवस्थाओं में युवावस्था सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय के दौरान किए गए कार्य ही भविष्य का निर्माण करते हैं। यदि कोई युवा इस समय बेहतर शिक्षा, ज्ञान, कला-कौशल, और उचित आचरण अर्जित करता है, तो उसका जीवन सफल बनता है। ऐसे लोग भविष्य में एक ऊँचे कद और पद तक पहुंचते हैं।

हालांकि, यह भी सच है कि युवावस्था में की गई गलतियाँ जीवन को बर्बाद कर सकती हैं। कुछ गलतियों का प्रभाव ऐसा होता है कि उसका खामियाजा जीवनभर भुगतना पड़ता है। इसलिए खासकर युवाओं को इस समय गलत कार्यों से बचना चाहिए।

चाणक्य नीति: युवाओं के लिए मार्गदर्शन

चाणक्य, जो अपने नीति शास्त्र के लिए प्रसिद्ध हैं, युवाओं को कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं जो उनके भविष्य को संवार सकती हैं। चाणक्य नीति के दूसरे अध्याय के आठवें श्लोक में कहा गया है कि मूर्खता और यौवन दोनों कष्ट का कारण होते हैं।

चाणक्य के अनुसार, मूर्खता जीवन का सबसे बड़ा कष्ट है क्योंकि मूर्ख व्यक्ति को सही और गलत का ज्ञान नहीं होता, जिससे वह जीवन के सुखों से वंचित रह जाता है। इसलिए युवाओं को ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो उन्हें गलत राह पर ले जा सकते हैं।

इसके अलावा, चाणक्य कहते हैं कि युवावस्था भी दुख का कारण हो सकती है, क्योंकि इस उम्र में इच्छाएं बहुत प्रबल होती हैं। यदि वे इच्छाएं किसी कारणवश पूरी नहीं होती, तो व्यक्ति निराश होकर अपना विवेक खो सकता है।

चाणक्य की विचारधारा: युवा कैसे बनाएं अपना भविष्य

चाणक्य की विचारधारा के अनुसार, कोई भी काम शुरू करने से पहले तीन महत्वपूर्ण सवाल पूछने चाहिए:

  1. मैं यह क्यों कर रहा हूं?
  2. इसके परिणाम क्या होंगे?
  3. क्या मैं सफल हो पाऊंगा?

इन सवालों पर गहराई से चिंतन करने के बाद, यदि संतोषजनक उत्तर मिल जाएं, तो ही आगे बढ़ना चाहिए।

चाणक्य यह भी कहते हैं कि जब एक बार किसी काम की शुरुआत हो जाए, तो असफलता से डरना नहीं चाहिए और न ही उस काम को बीच में छोड़ना चाहिए। ईमानदारी से काम करने वाले लोग सफल-असफलता से परे होकर सबसे अधिक खुश रहते हैं।

भय पर विजय पाने का मंत्र

चाणक्य के अनुसार, जब भी भय सामने आए, तो उसे पहचानें और उसपर आक्रमण करके उसे खत्म कर दें। भय को अपने ऊपर हावी न होने दें, बल्कि साहस के साथ उसका सामना करें। अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर, यह समझना जरूरी है कि युवावस्था में सही निर्णय लेना और गलतियों से बचना कितना महत्वपूर्ण है। चाणक्य की नीतियां युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक की तरह हैं, जो उन्हें जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। अपने जीवन को सफल और खुशहाल बनाने के लिए इन नीतियों को अपनाएं और जीवन में आगे बढ़ते रहें।

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