इंदौर/ब्यूरो। भारत के अंदर सबसे अधिक युवा है और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाकर भारत का परचम विश्वभर में लहराया जा सकता है। यह बातें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र द्वारा विश्वविद्यालय के सभागृह में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आत्मनिर्भर और युवा स्वावलंबन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन के दौरान कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और मुख्य अतिथि के तौर पर कृषि ऑर्गेनाइजेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीकांत पाटिल ने कहा। श्रीकांत ने कहा कि नवाचार के माध्यम से नये-नये अवसरों की तलाश होती है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को नई चीजों पर शोध करनी चाहिए। श्रीकांत ने कहा जिस चीज को आप करना चाहते हैं उसके लिए आप पागल हो जाइए क्योंकि व्यक्ति की पहचान केवल तीन चीजों में होती है। सेवा, शौर्य और ज्ञान से। यदि आप अपने जीवन में कुछ भी करना चाहते हैं तो उस पर आप अपना बेस्ट दीजिए। आम इंसान और एक बिजनेसमैन में बस इतना फर्क होता है कि आप घर की बिजली गोल होने पर परेशान होते हैं लेकिन एक बिजनेसमैन यह सोचता है कि संपूर्ण पृथ्वी की बिजली समस्या को वह कैसे दूर करे।
भारत के युवाओं की उड़ान आकाश की ऊंचाइयों तक होनी चाहिए
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रेणु जैन ने कहा युवाओं को अपने जीवन में यह विचार करना चाहिए कि आखिर वह करना क्या चाहते हैं। पहले आप अपने लक्ष्य को निर्धारित करें इसके बाद पूरे लगन से कार्य करिए आपकी सफलता जरूर होगी। डॉ. जैन ने कहा वर्तमान में चाहे केंद्र की सरकार हो या फिर राज्य की सभी का यही प्रयास है कि जो युवा अपना खुद का स्टार्टअप खोलना चाहते हैं उनका हर संभव मदद किया जाए। युवा देश के भविष्य हैं देश का विकास आप से जुड़ा है। आप स्वदेशी वस्तुओं को इस्तेमाल करें और रोजगार लेने वाला नहीं देने वाला बने। आपकी उड़ान आकाश की ऊंचाइयों तक होनी चाहिए ताकि संपूर्ण विश्व भारत के युवाओं की सफलता को देख सके।
भारत की धरती स्वर्ग से कम नहीं है
डॉ समीर मुंडाडा ने कहा कि भारत संभावनाओं का देश है। सोने की चिड़िया के साथ-साथ हमारे देश की धरती किसी स्वर्ग से कम नहीं है। कश्मीर का केसर, हिमाचल का सेव, केरल के मसाले ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिसके लिए हमारा देश जाना जाता है। हमारी प्रकृति सर्वश्रेष्ठ है। कुछ कालखंड जरूर ऐसा था जब हमारे देश कि धन संपदा को लूटा गया, हमें नष्ट करने की कोशिश किया गया लेकिन इसके बावजूद भी हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया भर में 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी वाला देश बन गया। 460 जिलों में सहकारिता विभाग अपना कार्य कर रहा है। गांव के युवाओं में जो हुनर छुपा हुआ है उनको मंच दे रहा है। स्वदेशी वस्तुओं का निर्माण कर देश विदेश में विक्रय किया जा रहा है।
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