नई दिल्ली: विवादित इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक ने दावा किया कि ईसाई धर्म प्रचारक और समाजसेवी मदर टेरेसा गैर-मुस्लिम होने की वजह से जहन्नुम (नरक) में जाएँगी। यह सवाल किए जाने पर कि क्या मदर टेरेसा जैसे ‘धर्मी’ और ‘अच्छे’ लोग भी केवल गैर-मुस्लिम होने के कारण जहन्नुम में जाएंगे । इस पर ज़ाकिर नाइक ने कहा कि, “सूरा अल असद के मुताबिक, जन्नत (स्वर्ग) जाने के चार रास्ते हैं। समय के टोकन से, जो धर्मी हैं, जो दावा (Dawah) करते हैं और जो लोगों को धैर्य और दृढ़ता के लिए प्रेरित करते हैं। जन्नत जाने के लिए न्यूनतम चार मानदंड जरुरी हैं।”
ज़ाकिर नाइक ने 10 वीं कक्षा में पढ़ाए जाने वाले विषयों से ‘जन्नत के चार रास्तों’ की तुलना की। ज़ाकिर नाइक ने इस बात पर जोर दिया कि भले ही किसी को 5 सब्जेक्ट में 99 अंक मिले हों और केवल एक सब्जेक्ट में 10 अंक हासिल किए हो, तो, इसका मतलब यह होगा कि छात्र असफल हो गया है। नाइक ने आगे दावा किया कि जन्नत सभी चार चरणों के सफल समापन पर ही हासिल किया जा सकता है। ज़ाकिर ने कहा कि, “मान लीजिए कि मदर टेरेसा धर्मी थीं। इस्लाम में, धर्मी लोगों में काफी सारी चीजें शामिल हैं, जो मुझे यकीन है कि मदर टेरेसा के पास नहीं थी। ईमान (इस्लाम में आस्था) के संबंध में क्या? यदि वह शिर्क (इस्लाम के अलावा किसी भी मजहब का पालन करना) करती हैं, तो यह प्रतिबंधित है। ज़ाकिर ने कहा कि शिर्क करना इस्लाम और ईसाई धर्म के मुताबिक एक अपराध है।
विवादित इस्लामी उपदेशक ने दावा किया कि वे सभी जो मरियम के पुत्र ईसा मसीह को ‘अल्लाह’ मानते हैं, वह उसके लिए जन्नत को ‘हराम’ बना देगा। जाकिर नाइक ने इस्लाम का हवाला देते हुए कहा कि, “आग (जहन्नुम) उसके रहने का स्थान होगा और उसके बाद उसकी कोई मदद नहीं की जाएगी।” इसके बाद ज़ाकिर नाइक ने निष्कर्ष निकाला कि मदर टेरेसा ने ईसा मसीह को भगवान के रूप में माना और इस जीसस को ‘अल्लाह’ के बराबर रखा। इसलिए, कुरान के मुताबिक, अगर कोई शिर्क करता है, तो वह मदर टेरेसा हो या कोई और हो, वे जन्नत में नहीं जाएगा।
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