'बच्चों के कपड़े उतारे, प्राइवेट पार्ट पर लगाया झंडु बाम और फिर...', हैवानियत की हदें पार करने वाले आरोपी को कोर्ट ने दी जमानत

'बच्चों के कपड़े उतारे, प्राइवेट पार्ट पर लगाया झंडु बाम और फिर...', हैवानियत की हदें पार करने वाले आरोपी को कोर्ट ने दी जमानत
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पुणे: महाराष्ट्र के पुणे से एक हैरतअंगेज घटना सामने आई है यहाँ 3 नाबालिग बच्चों का यौन उत्पीड़न करने और उनके प्राइवेट पार्ट में झंडु बाम लगाने के मामले में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 33 वर्षीय एक आरोपी को जमानत दे दी है. उस पर अन्य अपराधियों के साथ मिलकर तीन लड़कों का यौन उत्पीड़न करने तथा उसका वीडियो बनाने का आरोप था. उच्च न्यायालय ने कहा कि आरोपी की कोई यौन इच्छा नहीं थी, पीड़ितों को शारीरिक एवं मानसिक यातना दी गई क्योंकि अपराधियों को लगा कि लड़के चोर थे. जस्टिस अनिल किलोर की पीठ ने अपराधी कपिल टाक की जमानत याचिका पर सुनवाई के पश्चात् उसे जमानत दे दी.

आरोपी कपिल टाक को 2021 में अप्राकृतिक अपराध, हमले एवं आपराधिक धमकी के आरोप में POCSO एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था. टाक पर अन्य लोगों के साथ मिलकर 3 नाबालिग लड़कों को निर्वस्त्र करने, चमड़े की बेल्ट से पीटने एवं प्राइवेट पार्ट में झंडू बाम लगाने का आरोप था. टाक पर पूरी घटना को मोबाइल फोन पर शूट करने का भी आरोप है. वही इस पर सुनवाई के चलते पीठ ने कहा, 'एफआईआर और आवेदक के खिलाफ एफआईआर में लगाए गए इल्जामों को देखने के पश्चात् रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे की पता चले कि अपराधियों की यौन इच्छा थी. पीठ ने कहा कि मामला 'नाबालिग पीड़ितों को दी गई शारीरिक एवं मानसिक यातना' का था क्योंकि टाक और मामले के अन्य अपराधियों ने सोचा था कि वो (पीड़ित) चोर थे. टाक की अधिवक्ता सना रईस खान ने तर्क दिया था कि POCSO एक्ट के प्रावधान इस मामले में लागू नहीं होंगे क्योंकि आरोपी का कोई यौन इरादा नहीं था. उन्होंने आगे तर्क दिया कि टाक 2021 से जेल में बंद है तथा मामले में आरोपपत्र पहले ही दायर किया जा चुका है.

टाक एवं अन्य के खिलाफ शिकायत नाबालिग पीड़ितों में से एक की मां ने अप्रैल 2021 में दर्ज कराई थी. दरअसल महिला ने कुछ लोगों को एक वीडियो देखते हुए देखा था जिसमें कुछ नाबालिग लड़कों के साथ मारपीट की जा रही थी तथा उनके निजी अंगों के साथ छेड़छाड़ हो रही थी. महिला ने उन नाबालिग युवकों में से एक की पहचान अपने बेटे के रूप में की. शिकायत के मुताबिक, 'अपराधियों ने नाबालिग लड़कों को एक स्थानीय बाजार से उठाया और सुनसान जगह पर ले गए जहां उनके साथ मारपीट की गई, हालांकि पुलिस ने बाद में एक CCTV फुटेज भी बरामद किया था. निचली अदालत में जिस महिला के बेटे के साथ मारपीट हुई थी तथा उसने मुकदमा दर्ज कराया था, उसने जमानत याचिका का विरोध किया था एवं कोर्ट ने उस समय अपराधी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. 

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