खरीफ और रबी सीजन के उपरांत अब जायद सीजन की फसलों की बुवाई भी तेजी पकड़ते जा रही है। बीते वर्ष के मुकाबले अब तक 24 प्रतिशत से अधिक जायद फसलों का रकबा बढ़ गया है। धान के अतिरिक्त मक्का और मूंगफली समेत कुछ अन्य फसलों की बुवाई बीते वर्ष के मुकाबले अधिक हुई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बीते हफ्ते तक देशभर में 39.58 लाख हेक्टेयर में जायद फसलों की बुवाई की जा चुकी चुकी थी जोकि पिछले साल की समान अवधि के रकबे 32.34 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 24.55 प्रतिशत अधिक है।
रबी और खरीफ सीजन के बीच की अवधि को जायद सीजन कहते हैं। इस अवधि में ग्रीष्मकालीन फसलें उगाई जाती हैं जिनमें फलों और सब्जियों की खेती अधिक होती हैं, लेकिन विगत कुछ वर्षों से मोटे अनाजों व तिलहनों की खेती के हर किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, ग्रीष्कालीन धान की बुवाई 29.92 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि बीते वर्ष की समान अवधि के बीच देशभर में धान का रकबा 23.38 लाख हेक्टेयर था। धान की बुवाई तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा में हुई है।
वहीं यह भी कहा जा रहा है है जायद सीजन में मोटे अनाजों की बुवाई 3.87 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। मोटे अनाजों में सबसे अधिक मक्के की बुवाई 3.07 लाख हेक्टेयर में हुई है। वहीं, तिलहनी फसलों में सबसे ज्यादा मूंगफली की बुवाई 2.54 लाख हेक्टेयर में हो की गई है। मंत्रालय से मिली सूचना के अनुसार, गुजरात में ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है, जबकि राजस्थान में जल्द ही शुरू होने वाली है। मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार, बीते हफ्ते एक मार्च से चार मार्च के दौरान देशभर में सिर्फ 0.9 एमएम बारिश हुई, जोकि सामान्य बारिश 3.2 एमएम से 73 फीसदी कम है। वहीं, केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देशभर के 130 जलाशयों में पानी का स्तर पिछले साल की समान अवधि के दौरान दर्ज किए गए स्तर के मुकाबले 90 फीसदी है।
WHO का बड़ा बयान, कहा- "अफ्रीका में लैंगिक असमानताओं को बढ़ाया..."
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने कोविड-19 सीमावर्ती योद्धाओं के 'निस्वार्थ समर्पण' की प्रशंसा की
चीन के विदेश मंत्री का बड़ा बयान, कहा- भारत और चीन को आपसी शक खत्म कर देना चाहिए