शाहजहांपुर : अपराधों के लिए मशहूर यूपी में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. लेकिन कई बार ऐसे भी मामले सामने आते हैं जहां पीड़ित इसके खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करते हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन जानते हैं. ऐसा ही एक मामला यूपी के शाहजहांपुर से सामने आया हैं जहां एक नन्ही बालिका कोतवाली जा पहुंची. कोतवाली में अधिकारी लोगों की फ़रियाद सुन रहे थे और अपने कार्य में व्यस्त थे लेकिन, जैसे ही उनकी नज़र बच्ची पर पड़ी तो उसे पास बुलाकर उसके कोतवाली आने का कारण पूछा. तब बच्ची ने रोते हुए जानकारी दी और कहा कि, 'अंकल मेरे घर में एक गुंडा आ गया है, वो बहुत मारपीट करता है और गालियां भी देता है. क्या आप उस गुंडे को घर चलकर पकड़ लेंगे?' महज़ 12 वर्षीय बालिका परेशान हो कर थाने की शरण जा पहुंची. कोतवाली के इंस्पेक्टर अशोक पाल ने जानकारी देते हुए कहा कि, 'बच्ची को देखकर जब उसे बुलाकर उसके यहां आने का राज़ पूछा गया तब वह रोने लगी. उसे चुप कराया गया और फिर उससे पूछा गया तब उसने उक्त जानकारी दी और उसके बाद उसने कहा कि मेरे बारे मे उस गुंडे को न बताना. इस पर इंस्पेक्टर ने उससे पूछा को उसको यहाँ आने के लिए कैसे पता चला तब इस पर बालिका ने कहा कि सब कहते हैं कि पुलिस के पास जाकर इसकी शिकायत करो तो गुंडे की अक्ल ठिकाने लग जाएगी. बच्ची की बात सुन इंस्पेक्टर ने तुरंत ही एक दरोगा को बच्ची के साथ उसके घर भेजा लेकिन, वहां कोई भी गुंडा नहीं मिला बल्कि, बच्ची का फूफा शराब के नशे में धुत्त हो कर गली-गलौच कर रहा था. इस पर दरोगा ने फूफा को पकड़ा और उन्हें सरकारी ससुराल ले गए, जहां उनकी अच्छी तरह खातिरदारी करने के बाद चेतावनी दी गयी कि, आगे से अगर बच्ची के घर गाली-गलौच या मारपीट की गयी तो समझाइश नहीं बल्कि सीधा सलाखों के पीछे पंहुचा दिया जायेगा. पुलिस के इस व्यवहार और कार्यवाई से बच्ची के चेहरे पर मुस्कान खिल उठी और वह अपने घर चली गयी. बच्ची के इस अदम्य सहस से कोतवाली के सभी कर्मी भी हैरान थे और उसकी सराहना भी कर रहे थे. बच्ची के चेहरे पर मुस्कान देख और उसकी ख़ुशी से सभी पुलिस कर्मी भी फूले नहीं समा रहे थे. इस पर इंस्पेक्टर ने भी बच्ची से कहा कि अगर देश के सभी लोग तुम्हारी तरह निडर और बहादुर बने और पुलिस से डरने की जगह ऐसे ही साहसिक कार्य करें तो बहुत जल्द देश से अपराधों का नामो-निशाँ मिट जायेगा. भवरकुआं पुलिस ने दिया सजगता का प्रमाण मुंबई से गुमशुदा बहने इंदौर में मिली बच्चों की सुरक्षा एवं विकास के लिए संयुक्त आयोजन आठ साल के बालक को तेंदुआ उठा कर ले गया