हरतालिका तीज के इस पावन उत्सव को महिलाएं खूब धूमधाम से मनाती है, कुंवारी लड़कियां अच्छे वर के लिए और शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती है. भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन इसे मनाया जाता है, इस दिन गौरी शंकर की पूजा की जाती है. मां पार्वती ने भगवान शिव को पति पाने के लिए 107 जन्म लिए थे. इसी क्रम में मां पार्वती के कठोर तप के बाद 108वें जन्म में भगवान शिव ने पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया है. वह दिन जब यह शुभ कृत्य हुआ था, उस शुभ दिन को ही हड़ताली तीज कहते है, मां पार्वती के कठोर तप को देख कर इस दिन की महत्वपूर्णता इतनी बढ़ गई कि जो भी इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करेगा, उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी. इस तरह करे हरतालिका तीज का व्रत और पूजा महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत करती है, जिसमे पानी तक नहीं पिया जाता है. इस पूजा में भगवान शंकर व माता पार्वती की प्रतिमा बना कर एक चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिला कर बनाई जाती है. पूजा के बाद महिलाएं रात भर भजन-कीर्तन करती है, दूसरे दिन यह व्रत खोलना होता है और अन्न-पानी का ग्रहण किया जाता है. इसके बाद शिव परिवार की कच्ची मूर्ति बना कर उसका विसर्जन कर ही व्रत सम्पन्न होता है. पूजा का शुभ समय और तिथि इस बार हरतालिका तीज का मुहूर्त 23 अगस्त की रात 9: 03 बजे से 24 अगस्‍त की रात 8:27 बजे तक रहेगा. प्रदोषकाल हरितालिका तीज का मुहूर्त शाम 6:30 बजे से रात 08:27 बजे तक है. हरतालिका तीज की तैयारिया ऐसे करे विवाहित महिलाए पूजा की सामग्री खरीदते समय कपड़े और श्रृंगार के सामान भी खरीदती है. हाथों पर मेहंदी लगानी जाती है. इस उत्सव पर लड़कियां भी दुल्हन की तरह ही तैयार होती है. ऐसा करना शुभ माना जाता है. ये भी पढ़े हरतालिका तीज के दिन ये उपाय करने से दूर हो जाती है सभी समस्याएं जानिए अपने पूजा घर से जुडी कुछ ज़रूरी बातो के बारे में इस बार दस नहीं बल्कि ग्यारह दिन मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी