नानजिंग। चीन में नानजिंग नरसंहार की करीब 80 वीं वर्षगांठ पर लोग गमगीन हो गए। जानकारी सामने आई है कि, जापान के सैनिकों ने इस तरह के नरसंहार को अंजाम दिया था। इस घटना के बाद, जापान और चीन के बीच तनातनी अधिक बढ़ गई थी और दोनों के रिश्ते कड़वे हो गए थे। इस मामले में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक प्रार्थना सभा के आयोजन में भाग लिया। उन्होंने इस सभा का निरीक्षण किया। तो दूसरी ओर, पूर्वी शहर में पीड़ितों की प्रतिमाओं के स्मारक पर लगाए गए, काले परिधान व जैकेट में सफेद पुष्प भी लगाए। इन नरसंहार को लेकर कहा जाता है कि, जिन लोगों ने इस घटना में हमला किया था उन्होंने जापान के सैनिकों को मारने के बाद, उनका ही मांस भूनकर खा लिया था। नानजिंग नरसंहार को लेकर कहा गया है कि, 13 दिसंबर वर्ष 1937 को, जापान की सेना नानजिंग में दाखिल हो गई थी। करीब 6 सप्ताह तक लूटपाट, आगजनी, हत्याओं के साथ, बलात्कार की घटनाऐं होती रहीं। इन घटनाओं में बड़े पैमाने पर जापान के सैनिकों की जान चली गई। इसमें करीब तीन लाख सैनिकों की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर विश्व के कई देशों में दुख व्यक्त किया गया। यूएन द्वारा भी इस तरह की घटना की निंदा की गई और कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र प्रयास करता रहा है कि इस तरह की हिंसक घटनाऐं कभी भी न हों कोई भी देश आपसी संघर्ष न करें। डोकलाम मामले में चीन के विदेश मंत्री के बोल नहीं बढ़ने दिए जाते महिलाओं के पैर, ऐसी है परंपरा मोबाइल छीनने वाले 3 आरोपी धराये विवाद के बाद भी सड़क निर्माण कर रहा है चीन