मुंबई समेत महाराष्ट्र में फैल रही पुणे हिंसा की आग

मुंबई। पुणे के कोरेगांव भीमा, पबल और शिकरापुर गांव में दलितों और ग्रामीणों के बीच हुए विवाद का असर महाराष्ट्र में गहरा गया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पुणे से करीब, पुणे - अहमदनगर हाईवे पर पेरने फाटा के पास दलितों का विवाद तब हो गया जब वे पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना के अंग्रेजों को परास्त करने के स्मृति दिवस पर शौर्य दिवस मना रहे थे। 1 जनवरी वर्ष 1818 में पेशवा बाजीराव द्वितीय ने अंग्रजों को परास्त किया था। जिसे लेकर दलितजन शौर्य दिवस मना रहे थे। मगर इसी दौरान आयोजन में कथित तौर पर कुछ लोग भगवा तिरंगा लेकर पहुंच गए और विवाद करने लगे।

जब विवाद बढ़ गया तो क्षेत्र में हिंसा भड़क गई। अब इस हिंसा से उपजा तनाव महाराष्ट्र के कई जिलों में फैल रहा है। इस विवाद के दौरान उपजी हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। ऐसे में पुलिस ने सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिए हैं। पुणे में जातीय हिंस के बाद मुंबई में तनाव व्याप्त हो गया और स्कूल व काॅलेज बंद हो गए। मुंबई के चेंबूर, मुलुंड और घाटकोपर, कुर्ला, गोवंडी क्षेत्र में एहतियातन पुलिस का कड़ा बंदोबस्त किया गया है।

इन क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। बंद की जद में महाविद्यालय तक आ गए हैं। इस मामले में, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंसक घटनाओं को लेकर कहा है कि इस तरह की हिंसा कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। घटना में मृत व्यक्ति के परिजन को 10 लाख रूपए का मुआवजा देने की घोषणा की। तो दूसरी ओर न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस घटना को लेकर कहा कि कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के चलते हिंसा भड़की है। कुछ बाहरी लोगों ने ग्रामीणों को भड़काया है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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