दिल्ली हाईकोर्ट ने अध्यात्‍मिक विश्वविद्यालय मामले पर सुनवाई के दौरान आश्रम के संचालक वीरेंद्र देव दीक्षित के पेश न होने पर पुलिस और वीरेंद्र के सहयोगी पर नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई और अगली सुनवाई में बाबा के हाजिर होने का आदेश दिया। दरअसल कल हाईकोर्ट में आश्रम के वित्तीय मामले देखने वाले डिसिल्वा पेश हुए और बाबा विर्न्द्र नदारद रहे. इस पर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए डिसिल्वा से वीरेंद्र और आश्रम से जुड़े सवाल पूछे। जिनके जवाब में डिसिल्वा ने कहा कि न उन्हें वीरेंद्र का पता है ना ही आश्रम का कोई बैंक अकाउंट है। इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि अगर अगली सुनवाई में वीरेंद्र देव दीक्षित नहीं आता तो उसके खिलाफ वारंट जारी किया जाएगा. सीबीआई भी सुनिश्चित करे कि वो अगली सुनवाई में पेश हो. आश्रम की अनुयायी ने सगे भाई के खिलाफ रेप की एफ़आईआर लिखवाई है, जो उसे आश्रम से बाहर निकालने की कोशिश में है। इस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि “कोर्ट से क्यों छुपाया गया कि 22 दिसम्बर को विजय विहार थाने में जीरो एफआईआर दर्ज हुई है. क्या पुलिस बत्तख की तरह काम करती है.” कोर्ट ने कहा, “अगर पुलिस ठीक से अपना काम करती तो हमें आज सीबीआई को मामले में नही लाना पड़ता.” कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिए कि अगर उन्हें लगता है कि “आश्रम में जबरन लड़कियों को रखा जाता है, तो आश्रम के खिलाफ किडनैपिंग का मामला दर्ज करे.” बाबा वीरेंद्र देव के आश्रमों का निरीक्षण जारी इस बाबा का लक्ष्य था 16000 लड़कियों से संबंध बनाना ढोंगी बाबा रोज़ करता था 10 लड़कियों से दुष्कर्म