ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहे. अवैध रूप से जुटने के खिलाफ प्रशासन की चेतावनी के बावजूद जुटे इन प्रदर्शनकारियों से पुलिस की झड़पें भी हुई. तेहरान यूनिवर्सिटी में इन प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली ख़मेनेई से सत्ता छोड़ने के लिए कहा. इस बीच ईरान में सरकार-समर्थक हजारों लोग भी सड़कों पर उतर आए हैं. सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है. रात होने तक भी कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किए गए. यही नहीं, कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों से पुलिस की झड़पें भी हुई हैं. विरोध प्रदर्शनों के बढ़ते दायरे के पीछे सिर्फ बढ़ती कीमतें और बेरोजगारी ही मुद्दा नहीं हैं, यह सभी प्रदर्शनकारी ईरान में मौलवियों का शासन खत्म करने की मांग कर रहे हैं. मौके की नज़ाकत समझते हुए सरकार ऐसा कोई काम नहीं कर रही है जिसकी वजह से प्रदर्शनकारी और भड़क जाएं. ईरान के गृहमंत्री ने जनता से कहा है कि विरोध प्रदर्शनों में शामिल ना हों. क्योंकि इससे उनके लिए और अन्य नागरिकों के लिए समस्याएं पैदा होंगी. जहां एक ओर ईरान के अधिकारी, सरकार विरोधी प्रदर्शनों के लिए विदेशी ताकतों को जिम्मेदार बता रहे हैं, वहीं अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने ईरान से कहा है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उसकी कार्रवाई को सारी दुनिया देख रही है. ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी प्रशासन के इस बयान को कपटपूर्ण और अवसरवादी बताया है. उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी बने ओम प्रकाश सिंह नए साल के जश्न में यहां सुरक्षित रहेंगी महिलाएं दिल्ली के इन 22 टॉयलेट का रंग क्यों है पिंक