अहमदाबाद : बैंकों के घोटाले लगातार सामने आ रहे हैं.अब नया मामला बड़ौदा की फर्म डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर का सामने आया है, जिसने 2,655 करोड़ रुपए का लोन लेकर अब हाथ खड़े कर दिए हैं.बिजली के केबल व उपकरण बनाने वाली इस कम्पनी पर आरोप है कि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया. मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 से डायमंड पावर ने एक सोची समझी नीति के तहत बैंक के अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत से सैकड़ों करोड़ रुपए के ऋण लेने के लिए फर्जी दस्तावेज, बैंक खातों व कंपनी की बैलेंस शीट तैयार की. इस मामले में गुरुवार को डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रकचर लिमिटेड के संस्थापक सुरेश नारायण भटनागर, उसके पुत्र व प्रबंध निदेशक अमित भटनागर, सुमित भटनागर के आवास व फैक्टरियों पर छापा मारकर कई दस्तावेज जब्त किए. बता दें कि 2008 से जून 2016 तक भटनागर बंधुओं ने इन बैंक घोटालों को अंजाम दिया.बैंकों की मिली भगत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की डिफॉल्टर सूची में नामित होने और एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन की अलर्ट लिस्ट में आने के दौरान ही क्रेडिट लिमिट ब़़ढा दी. जिन बैंकों से डायमंड पॉवर ने ऋण लिया उनमें बैंक ऑफ इंडिया- 670.51 करोड़ रुपए,बैंक ऑफ बडौदा- 348.99 करोड़ ,आईसीआईसीआई बैंक- 279.46 करोड़ और एक्सिस बैंक- 255.32 करोड़ रुपए की राशि शामिल है. यह भी देखें नीरव ने 2017 में भी लगाया है 6 हजार करोड़ का चुना- ED आईसीआईसीआई बैंक आया सीईओ चंदा कोचर के बचाव में