भिलाई के कैंप 1 में रहने वाला और साइकिल पर चना और मुरमुरा रखकर बेंचने का काम करने वाला शत्रुघ्न साहू डॉक्टर की धोखाधड़ी का शिकार हो गया है. उसका आरोप है कि घुटने के ऑपेरशन के समय धोखे से उसकी किडनी निकाल ली गई है. शत्रुघ्न ने बताया कि घुटनों में लंबे समय से दर्द की शिकायत के बाद उसने डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने उसे टिबिया फेमिया बताते हुए ऑपरेशन की सलाह दी. इस पर शत्रुघ्न ने साल 2011 में छत्तीसगढ़ सरकार की महती योजना स्मार्ट कार्ड के अंतर्गत भिलाई के निजी नर्सिंग होम अंबे अस्पताल में डॉ. अखिलेश यादव से ऑपेरशन करवा लिया. कुछ दिन बाद उसे पेट में दर्द होने लगा. तब एक डॉक्टर को दिखने पर उसने सोनोग्राफी की और बताया कि उसकी एक किडनी ही नहीं है. इस पर उसने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में आवेदन देकर उचित कार्रवाई की मांग की है. वहीं अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अगर मरीज द्वारा आरोप लगाया जा रहा है तो हर तरह की जांच के लिए अस्पताल तैयार है. मालूम हो कि डॉक्टर अखिलेश धोखाधड़ी के केस में जेल भी जा चुका है. फिलहाल वह अंडरग्राउंड है. पुलिस ने पीड़ित की शिकायत की बिनाह पर मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी है. फ़रीदाबाद गैंगरेप के दो आरोपी गिरफ्त में बलात्कारी पिता को उम्रकैद की सज़ा मदरसे के मौलवी पर दुष्कर्म व छेड़छाड़ का आरोप