नई दिल्ली। कहा जाता है कि प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। यह न तो अपघटित होता है और कई बार मृदा का उपजाऊपन भी इससे प्रभावित होता है मगर अब ऐसी तकनीक खोज ली गई है जिससे इसके उपयोग से विद्युत उत्पादन किया जा सकेगा। जी हां, विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में चिप्स, बिस्किट केक व चाॅकलेट आदि खाद्य पदार्थों की पैकिंग में उपयोग में लाए जाने वाले पदार्थों का उपयोग कर इलेक्ट्रीसिटी प्रोडक्शन किया जाएगा। देश में पहली बार इसका उपयोग होगा। उत्तरप्रदेश में तो इसका उपक्रम प्रारंभ भी कर दिया गया है। जी हां, यहां के गाजीपुर में इस तरह का प्लांट स्थापित किया गया और अब इलेक्ट्रीसिटी प्रोडक्शन भी किया जा रहा है। हालात ये हैं कि चंडीगढ़, मुंबई और देहरादून समेत 8 शहरों में कार्य जल्द प्रारंभ कर दिया जाएगा। उनका कहना था कि भारत में विश्व में सबसे अधिक प्लास्टिक सामान का उपयोग किया जाता है। प्लास्टिक मल्टी लेयर्ड प्लास्टिक का उपयोग चमकीले प्लास्टिक का उपयोग भी प्लांट में किया जा सकता है। प्लास्टिक का सबसे अधिक उपयोग जिन देशों में होता है उनमें भारत भी शामिल है। ऐसे में इसके उपयोग, पुर्नचक्रण आदि को लेकर चर्चा की जाती रही है मगर अब तक इसका उपयोग किए जाने को लेकर कोई कार्य नहीं हो पाया था। मगर अब यह जानकारी सामने आई है कि इसका उपयोग इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन में किया जा सकता है। गुजरात के निवर्तमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी वेस्ट से इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन के प्रोजेक्ट में उत्साह दिखा चुके हैं। आईआईटी विद्यार्थियों ने निकाला इलेक्ट्रिसिटी जनरेशन का अनोखा तरीका क्रिसमस के पहले होटलों में प्रशासन ने किया अंधेरा रमन सिंह के प्रयासों से पहुंची इस गांव में पहली बार बिजली