नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय बाजार और भारतीय बास्केट में कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ने के बाद भी उपभोक्ताओं को अभी राहत मिलने की सम्भावना नहीं दिख रही है, क्योंकि सरकार ने भी इस बात के संकेत नहीं दिए हैं कि वह एक्साइज ड्यूटी कम कर रही है. उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़कर बुधवार को 65.70 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी जो 30 माह का सबसे ऊँचा स्तर है .बता दें कि वित्त मंत्रालय के सूत्रों से यह खबर आई थी कि भारतीय बास्केट में जबतक क्रूड की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल के नीचे रहेंगी, सरकार ड्यूटी नहीं कम करेगी.लेकिन अब कीमतें इससे आगे पहुँच गई है .ऐसे में तेल कंपनियां एक बार में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 2 से 3 रुपए प्रति लीटर बढ़ा सकती हैं. जबकि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान क्रूड महंगा होने से मध्यम वर्ग और गरीबों को लेकर चिंतित है. लेकिन उन्होंने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि सरकार एकसाइज ड्यूटी घटाएगी. बता दें कि गत 3 अक्टूबर को सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 2 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी कम की थी . ड्यूटी घटने के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत कम होकर 68.38 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 56.89 रुपए प्रति लीटर हो गई थी. मध्यम वर्ग और गरीबों की चिंता करने वाली केंद्र सरकार ने 2013-14 में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से 77982 करोड़ रुपए कमाए जो 2016-17 में बढ़कर 242691 रुपए हो गए . इस दौरान वैट एवं सेल्स टैक्स से राज्यों की कमाई 129045 करोड़ रुपए से बढ़कर 166378 करोड़ रुपए हो गई. ऐसे में जनता को एक्साइज ड्यूटी कम कर राहत देने की मांग गलत नहीं है. यह भी देखें रिपल में तीन दिन में 140 फीसदी की वृद्धि सेंसेक्स 193 अंकों पर हुआ बंद