नई दिल्ली :सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों को भी जीएसटी के दायरे में लेने के संकेत मिल रहे हैं.केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल राज्यसभा में कहा कि सरकार इस मामले में राज्य सरकारों की राय का इंतजार कर रही है. जेटली ने कहा कि हम इस मामले में राज्यों के बीच आम राय बनाने कीे कोशिश कर रहे हैं, उम्मीद है कि इसमें सफलता मिल जाएगी . उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान टीडीपी सांसद देवेंद्र गौड़ के सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संविधान संशोधन विधेयक में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में रखा गया है, लेकिन इसको लागू कब करना है यह जीएसटी काउंसिल तय करेगी.इसके लिए कानून में कोई फेरबदल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बता दें कि फिलहाल अलग-अलग राज्यों में पेट्रोलियम उत्पादों पर अलग-अलग टैक्स दरें हैं, जबकि पेट्रोलियम मंत्रालय इसमें समानता लाना चाहता है.जेटली ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा जीएसटी परिषद में इस विषय को लंबित रखने के पूरक सवाल के जवाब में कहा कि जीएसटी परिषद हर माह होने वाली अपनी बैठक में इस मुद्दे पर राज्यों के बीच आम राय के प्रयास कर रही है .चिदंबरम के आरोप के जवाब में जेटली ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में पेश किए गए संशोधन विधेयक में भी पेट्रोलियम पदार्थ जीएसटी से बाहर थे. यह भी देखें अगले बजट में ग्रामीणों पर रहेगा ध्यान फूड डिलीवरी बिजनेस में ओला की लम्बी छलांग