अहमदाबाद। पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को न्यायालय ने रिहा कर दिया है। यह रिहाई एक घेराव आंदोलन के ठीक बाद हुई है। इस आंदोलन में पाटीदार समाज के युवाओं ने गुजरात के मोरबी से भाजपा विधायक कांति अमृतिया के विरूद्ध प्रदर्शन किया था। करीब एक दिन पहले हार्दिक की रिहाई की मांग को लेकर पाटीदार समाज के युवाओं ने बीजेपी एमएलए कांति अमृतिया को घेर लिया था और अमृतिया के पसीने छूट गए थे। अमृतिया अपने चुनाव क्षेत्र मोरबी में निकले तो उन्हें पाटीदार युवाओं ने घेर लिया और हार्दिक पटेल को जेल से छुड़ाने की मांग की। यही नहीं,पाटीदार युवाओं ने उनका वीडियो भी उतारा। गौरतलब है कि इस वर्ष गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसे लेकर राज्य की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी की सरकार पाटीदारों को मनाने में जुट गई है मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी की सरकार पहली बार गुजरात राज्य में चुनावी मैदान में नज़र आ रही है। हार्दिक पटेल को करीब 10 दिन पूर्व लूट व मारपीट के आरोप में पकड़ लिया गया था। मगर बाद में पाटण की जिला अदालत ने उन्हें जमानत पर छोड़ दिया था। पाटण के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश बीबी पाठक द्वारा हार्दिक, दिनेश भंभानिया व महेश पटेल की जमानत अर्जी को मान लिया। न्यायालय द्वारा इन तीनों को न्यायालय की अनुमति के बिना गुजरात न छोड़ने को कहा है। अर्थात अब हार्दिक पटेल गुजरात राज्य से बाहर नहीं जा सकते हैं। गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न दलों की कैंपेनिंग तेज़ हो जाएगी। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी माह गुजरात चुनाव को लेकर राज्य में दौरा करेंगे। तो दूसरी ओर कांग्रेस आदि दल भी अपनी अपनी तैयारियों में लगे हैं। अपुष्ट तौर पर जानकारी सामने आई थी कि कांग्रेस हार्दिक पटेल को प्रचार अभियान में शामिल कर सकती है या फिर उन्हें किसी सीट पर बतौर प्रत्याशी काम में लिया जा सकता है। हार्दिक पटेल पर लगा लूट का आरोप जातिगत समीकरण के लिए कांग्रेस को लगी हार्दिक से आस