नई दिल्ली : कहा गया है कि अतीत में किए गए अपराध कभी पीछा नहीं छोड़ते और उनका दंड भुगतना ही पड़ता है. ऐसे ही 2005 में संसद में सवाल पूछने के बदले घूस लेने वाले 11 पूर्व सांसदों की मुश्किलें शुरू हो गई है , क्योंकि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने घूस लेने और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप तय कर मामला चलाने के निर्देश दिये हैं. उल्लेखनीय है कि 2005 के इस चर्चित मामले में एक स्टिंग ऑपरेशन में इन जन प्रतिनिधियों पर पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगा था. इन पर आरोप तय करने के लिये स्टिंग ऑपरेशन की सीडी और डीवीडी का इस्तेमाल सबूत के तौर पर किया गया था. जिसमें वेब पोर्टल के दो पत्रकारों ने इनकी बातचीत को रिकॉर्ड किया था. तब इस मामले को लेकर संसद में खूब हंगामा हुआ था. अफ़सोस इस बात का है कि इस घूसखोरी में सभी राजनीतिक दलों के सांसद शामिल थे. आपको बता दें कि विशेष जज किरन बंसल ने जिन 11 पूर्व सांसदों और एक अन्य को दोषी पाया है उनमें पूर्व सांसदों में वाई जी महाजन (बीजेपी), छतरपाल सिंह लोढा(बीजेपी), अन्ना साहेब एम के पाटिल (बीजेपी), मनोज कुमार (आरजेडी), चंद्र प्रताप सिंह (बीजेपी), राम सेवक सिंह (कांग्रेस), नरेंद्र कुमार कुशवाहा (बीएसपी), प्रदीप गांधी (बीजेपी), सुरेश चंदेल (बीजेपी), लाल चंद्र कोल (बीएसपी)और राजा रामपाल (बीएसपी) के नाम शामिल हैं. इन सभी पर 12 जनवरी से मामला चलाया जाएगा. यह भी देखें रिश्वतखोर और निगमायुक्त की यारी, सब पर भारी रिश्वत लेते धराया जिला उद्योग प्रबंधक