संघ के बैकग्राउंड से है जयराम

हिमाचल प्रदेश की सियायत में जयराम ठाकुर एक बड़ा चेहरा बनकर सामने आए हैं. प्रेम सिंह धूमल के चुनाव हारते ही जयराम सीएम की रेस में काफी आगे माना जा रहे थे. अंतत: उन्हीं के नाम पर मुहर लगी है. आज मुख्यमंत्री पद उनकी ताजपोशी है.

दरअसल बताया जाता है कि जयराम बीजेपी के आलाकमान से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की पहली पसंद हैं. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आंगन में पले बढ़े हैं और एबीवीपी के जरिए उन्होंने राजनीति में कदम रखा है. इसी लिए वो जमीन से जुड़े हुए है और बीजेपी दिग्गज शांता कुमार के करीबी नेताओं में से एक हैं.

बताया जा रहा है कि जयराम ठाकुर का जन्म 6 जनवरी 1965 को मंडी जिले के टांडी में हुआ है . उनके  पिता का नाम जेठूराम ठाकुर और पत्नी का नाम डॉ. साधना ठाकुर है. जयराम एक गरीब परिवार से आते हैं. वो 5वीं बार विधायक चुने गए हैं. उन्होंने मंडी के सिराज विधानसभा से जीत दर्ज की है.

जयराम ठाकुर आरएसएस के आंगन में पले बढ़े हैं. उन्होंने अपना सियासी सफर छात्र राजनीति से शुरू किया. ठाकुर ने 1998 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था. इसके बाद उन्होंने मुड़कर नहीं देखा एक के बाद एक लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज की है. ठाकुर हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. धूमल सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग का कार्यभार भी वो संभाल चुके हैं.

जयराम की सबसे बडी सियासी ताकत उनका समाज है. वो हिमाचल की सियासत में किंग माने जाने वाले क्षत्रिय समाज से आते हैं. राज्य की सियासत में राजपूतों का वर्चस्व रहा है. जयराम अपने समाज पर मजबूत पकड़ रखते हैं. जयराम संगठन और पार्टी के मजबूत नेता माने जाते हैं. हिमाचल प्रदेश बीजेपी की कमान भी वो संभाल चुके हैं. इतना ही नहीं लो प्रोफाइल रहने से आम लोगों के बीच भी उनकी गहरी पैठ है. वो हिमाचल के उन क्षेत्रों में जाकर पार्टी को मजबूत करते रहे हैं, जहां ठंड के मौसम में कोई जाना नहीं चाहता है.

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