जब कोई महिला पहली बार गर्भधारण करती है, तब कई चीजों से वह बिलकुल अनभिज्ञ होती है. गर्भधारण के बाद गर्भवती महिला के शरीर के अंदर कई परिवर्तन होते है, इन्हे समझना किसी भी महिला या अन्य व्यक्ति के लिए बहुत मुश्किल होता है. इस परिस्थिति में कुछ टेस्ट करवाना बहुत जरूरी हो जाता है. प्रेग्नेंसी की प्रारम्भिक जांच में ही ब्लड ग्रुप व आरएच टाइप करा लिया जाता है. इसके जरिये पता किया जाता है कि गर्भ में शिशु आरएच पॉजिटिव है, तो आरएच बीमारी या आरएच इम्युनिजेशन का खतरा रहता है. प्रेग्नेंसी के समय शिशु का थोड़ा खून मां के ब्लड सर्कुलेशन में प्रवेश करता है. ऐसी स्थिति प्रसव के दौरान अधिक बनती है. मां का आरएच निगेटिव बच्चे के आरएच पॉजिटिव ब्लड सेल्स में जा कर एंटीबॉडीज बनाता है, जिससे एनीमिया हो सकता है. सीबीसी की जांच भी कराना चाहिए, इसी आधार पर यह तय किया जा सकता है कि किसी महिला को गर्भवती होने के लिए आईवीएफ की मदद ले सकते है या नहीं. रूबेला की जांच भी जरूरी है, जो मुख्य रूप से इंफेक्शन के कारण होती है. रूबेला वैक्सीन लेने के कम से कम एक महीने तक महिलाओं को गर्भधारण नहीं करना चाहिए. ये भी पढ़े ब्लड टेस्ट के बारे में जानिए ये बातें पाचनतंत्र को बेहतर बनाता है निम्बू का पानी शरीर को ऊर्जा प्रदान करते है ये आहार न्यूज़ ट्रैक पर हम लिखते है आपके लिए कुछ मज़ेदार और फ्रेश फैशन, ब्यूटी, हेल्थ, फिटनेस से जुडी ज्ञानवर्धक बातें जो आपको रखेगी स्वस्थ और तंदुरस्त