नईदिल्ली। लोकसभा ने बुधवार को अचल संपत्ति संशोधन बिल को मंजूरी दे दी। इसमें यह प्रावधान किया गया है कि, केंद्र सरकार सुरक्षा उद्देश्यों के लिए, अचल संपत्ति के अधिग्रहण के बारे में संपत्ति के मालिक को पुनः नोटिस जारी कर सकेगी ताकि उसे अपनी बात रखने का मौका मिल सके। इस बिल को शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने निचले सदन में पेश किया, जिसे ध्वनि मत से स्वीकार कर लिया गया। इस बिल पर बहस के दौरान जवाब देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा देना सरकार की जिम्मेदारी है और वह उचित मुआवजा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि यह कहा गया है कि, यदि किसी की जमीन को अधिगृहित कर लिया गया तो फिर, गरीबों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। उक्त बिल में अभी तक 11 संशोधन हो चुके हैं। 12 संशोधन सीमित और विशेष उद्देश्य के अनुसार किए गए। अचल संपत्ति संशोधन बिल को लेकर हुई चर्चा के दौरान सीपीआई एम के नेता मोहम्मद सलीम ने विरोध करते हुए कहा कि सरकार का प्रयास है कि जमीन अधिगृहण को लेकर आंशिक तौर पर कानून कुछ - कुछ समय में लाए जाऐं। वर्ष 2015 का एक विधेयक जो कि जमीन अधिग्रहण से जुड़ा है वह लंबित है। भाजपा संसदीय दल की बैठक में बिगड़ी मंत्री की तबियत सदन में गूंजे शर्म करो - शर्म करो के नारे, स्थगित हुआ सदन मनमोहन मुद्दे पर विपक्ष से आज चर्चा करेंगे जेटली