"भारत एक कृषि प्रधान देश है" बचपन से आज तक वैसे तो ये लाइन कई बार पढ़ चुके है, स्कूल में टीचर्स भी यही पढ़ाते है. लेकिन उसी कृषि प्रधान देश की जमीन का मालिक, किसान आये दिन खुदखुशी कर रहा है. सुबह का अख़बार खोलने में एक खबर तो किसान आत्महत्या की मिल ही जाती है. मामला मध्यप्रदेश के नीमच का है जहाँ मनासा विकासखंड के अल्हेड़ गांव में रहने वाले 34 वर्षीय किसान विनोद पाटीदार बेहोशी की हालत में परिजन को खेत में मिला था, परिजन उसे पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए जहाँ से डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रैफर कर दिया. हालत नाज़ुक होने के कारण उन्हें अहमदाबाद ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई. अंतिम संस्कार के पहले परिजन ने विनोद का फ़ोन देखा तो उसमें एक वीडियो नज़र आया. वीडियो देखने पर पता चला, ये आत्महत्या से पहले का है, जिसमें विनोद पांच साहूकारों के नाम लेते हुए कर्ज की बात कह रहे है. विनोद के द्वारा बनाये गए वीडियो के अनुसार साहूकारों ने उसके साथ धोखा किया. रकम लौटाने के बावजूद उन्होंने मुझे प्रताड़ित किया, तथा रकम की मांग की. रकम न देने के कारण उन साहूकारों ने मेरी जमीन और ट्रेक्टर हड़प लिए. बताया जा रहा है गत 4 जनवरी को विनोद ने एक ख़त पीएमओ दिल्ली को भी लिखा था, जिसमें उन्होंने इच्छामृत्यु की इजाज़त मांगी. किसानो की आत्महत्या के मामले आये दिन आते रहते है, लेकिन प्रशासन, अधिकारी इस पर कुछ भी बयान देने से बच रहे है. वहीं प्रदेश की सरकार भी कोई सुध नहीं ले रही है. चार अस्थाई महिला टीचर्स ने मुंडवाया अपना सिर वसुंधरा राजे के बाद शिवराज ने बैन की मध्य प्रदेश में 'पद्मावत' खुद को आग लगाने वाले कोहली के फैन की मौत