दिल्ली- लगातार सुर्खियों में बने मैक्स अस्पताल की मुसीबते कम होने का नाम नहीं ले रही है. आपको बता दे कि जिंदा बच्चे को मरा हुआ बताने के मामले में सरकार की प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार हो गई है. और तैयार रिपोर्ट में मैक्स अस्पताल को दोषी पाया गया है. गौरतलब है कि हाल ही में खबर सामने आई थी कि अस्पताल की रिपोर्ट में जीवित नवजात को मृतक बताकर पैक कर के दे दिया गया था. जहा अंतिम क्रिया से ठीक पहले नवजात पोलोथिन में हिलने लगा. नवजात के हलचल करने पर बच्चे के जीवित होने की बात सामने आयी. जिसके बाद अस्पताल में जोरदार हंगमा हुआ. और अस्पताल के खिलाफ जाँच की मांग की गयी. वही सरकारी जाँच में जो रिपोर्ट सामने आयी वो चौका देने वाली थी. आपको बता दे कि सरकार इस रिपोर्ट को गंभीरता से ले रही है, क्योंकि यह एक प्रकार की आपराधिक लापरवाही है. जिसके चलते सरकार अब इस रिपोर्ट के आधार पर कानूनी सलाह ले रही है. सरकारी आदेश पर बनाई गई तीन डॉक्टरों की टीम ने मंगलवार की शाम को अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंप दी. जिसके बाद जांच टीम ने दोनों बच्चो के इलाज में अस्पताल की कई गलतियों पायी है. जिसमे सबसे बड़ी गलती यह है कि नवजात बच्चे के इलाज के लिए जो मेडिकल गाइडलाइन है, उसे फॉलो नहीं किया गया. दूसरी, जिंदा बच्चे को मरा बता दिया, लेकिन अस्पताल और डॉक्टर द्वारा जरूरी ईसीजी की जांच नहीं की गई. अगर यह जांच की जाती तो इससे पता चल जाता कि बच्चा जिंदा है या नहीं. साथ ही जांच टीम ने पाया कि डॉक्टरों ने दोनों बच्चे की बॉडी परिवार वालों को सौंप दी, लेकिन उन्हें लिखित में कोई इंस्ट्रक्शन नहीं दिया, जोकि बहुत जरुरी माना जाता है. इसी तरह जिंदा और मरे हुए बच्चे को अलग- अलग नहीं रखा गया. अपनी रिपोर्ट देने से पहले जांच टीम ने इलाज के सभी कागजात की जांच की, और अस्पताल का रिकॉर्ड चेक किया, डॉक्टरों और संबंधित स्टाफ से बातचीत भी की. फ़िलहाल प्राथमिक रिपोर्ट से ही कार्यवाही की जा रही है. आगे जाँच की और रिपोर्ट आना बाकि है. वही पुलिस द्वारा भी आरोपी डॉक्टरों से पूछताछ की जा रही है. सोशल मीडिया पर अभद्र कार्टून पोस्ट करना पड़ा भारी हत्या के बाद शव को कम्बल ओढ़ाकर बेड पर लेटाया चलती वैन से कूद गई गर्भवती महिला