ढाई महीने के बेटे को लेकर विधानसभा जाती है विधायक

भारतवर्ष  में नारियों को सदियों से पूजा जाता रहा है और समय समय पर उन्होंने इस बात को सिद्ध भी किया है की भारतीय नारी ना सिर्फ घर की जिम्मेदारियां बल्कि अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वाह करने में भी पूर्णतः सक्षम है. आपको भारत की रणबांकुरी झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई तो याद होगी ही, जो अपने पुत्र को पीठ पर बांधकर अंग्रेज़ो से युद्ध के लिए जाती थी और इतिहास साक्षी है की उन्होंने अपने दोनों कर्म बखूबी निभाये.

इसी तर्ज पर आज हम बात करने जा रहे हैं रोहतास से आम आदमी पार्टी की विधायक सरिता सिंह की, जो अपने दो माह के बच्चे अद्वैत को साथ लेकर विधानसभा में मीटिंग के लिए जातीं है. विधायक सरिता सिंह जब विधानसभा में अपनी बात रखती है तो साथी विधायक अद्वैत को सम्हालने में उनकी सहायता करते है, इस मामले में सरिता सिंह बतातीं हैं के सिर्फ महिलाएं ही नहीं पुरुष विधायक भी अद्वैत को सम्हालने में उनकी मदद करते है. उपसभापति राखी बिड़ला ने  अद्वैत को स्तनपान करने के लिए ब्रेक भी दिया.

सरिता के शब्दों में "मैं इसका आनंद ले रही हूँ, मुझे कोई समस्या नहीं है, मैं अपने बच्चे को साथ रखकर काम भी कर सकती हूँ." सरिता सिंह के इस तरह काम करने से कामकाजी महिलाओं को भी सम्बल मिलेगा. आने वाले समय में अमेरिका, ब्रिटैन आदि देशों की तरह भारत में भी इस तरह की महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव का प्रावधान हो सकता है.

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