जमशेदपुर. कभी माओवादियों का गढ़ रह चुका जियान गांव एक नए रास्ते पर चल पड़ा है. यहाँ के ग्रामीण फसलों की अच्छी पैदावार के लिए वैज्ञानिक पद्धति से खेती करना सीख रहे हैं. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनूप टी मैथ्यू ने बताया, “पूर्वी सिंहभूम जिला पुलिस और टाटा स्टील रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (टीएसआरडीएस) इस गांव में हरित क्रांति की शुरुआत करने के लिए साथ-साथ आए हैं.” उन्होने कहा “यह गांव कभी भाकपा (माओवादी) का गढ़ था. हाल ही में आस-पास के किसानों की थोड़ी मदद से जिला पुलिस अधिकारियों ने जियान गांव के निवासियों को वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने का तरीका सिखाना शुरू किया है.” इस क्षेत्र के दो माओवादियों कान्हु मुंडा और फोगरा मुंडा के फरवरी महीने में आत्मसमर्पण के बाद, पुलिस विभाग की ओर से किए गए वादे का यह हिस्सा है. मैथ्यू ने बताया, “इस गांव के ज्यादातर ग्रामीण कृषि पर निर्भर हैं इसलिए हम यहां इन लोगों की कमाई बढ़ाने के लिए कृषि सुविधाओं का विकास करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.” फिलहाल टीएसआरडीसी ने सिंचाई के लिए ओपास स्थित पहाड़ी से पानी के स्रोत की व्यवस्था की है. मैथ्यू ने यहां चैक डैम बनाने का आश्वासन दिया है. नवजीवन की इस पौध को उगाने में 60 ग्रामीणों सहित, आत्मसमर्पण कर चुके माओवादी भी हिस्सा ले रहे हैं. आज रात ड्राइविंग करने वाले सावधान भूसे के ढेर से बरामद हुई बच्चे की लाश 800 में से 260 एचआईवी पीड़ित लापता