डेरा सच्चा सौदा के रहस्यों से उठता पर्दा सभी को चौकाने वाले खुलासे कर रहा है. आपको बता दे कि स्वास्थ्य मंत्रालय की एक कमेटी द्वारा की गई जांच में खुलासे में ये बात सामने आयी है, कि डेरे से हरियाणा के अलावा दूसरे प्रदेशों के मेडिकल कॉलेजों को भी रिसर्च के लिए अवैध रूप से डेडबॉडी भेजी जाती थी. वही एमसीआई की जांच कमेटी ने जब फिर से सुनवाई की तो पाया कि इसे 14 डेडबॉडी डेरा सच्चा सौदा सिरसा ने अवैध रूप से दी थी. और स्वास्थ्य मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी ने इस निजी मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द करने के जारी आदेश में भी इसे बहुत गंभीर बताते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने का आदेश दिया है. गौरतलब है कि डेरे में लगे पेड़ो के नीचे नरकंकाल के होने की बात सामने आने के बाद केद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जाँच आदेश के बाद रिपोर्ट्स में पाया गया कि लखनऊ के जीसीआरजी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में जनवरी 2017 से अगस्त 2017 के बीच डेरा सच्चा सौदा से 14 डेड बॉडी अवैध रूप से भेजी गयी. बता दे कि मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग और रिसर्च के लिए जो डेडबॉडी उपलब्ध करवाई जाती है. उसके लिए सरकार द्वारा लाइसेंस जारी किया जाता है, और जिस भी जिले से डेडबॉडी ले जाई जाती है, उसके एसपी को व्यक्ति की मृत्यु का सर्टिफिकेट देकर परमिशन लेनी होती है. इसके बाद उस जिले के एसपी को भी सूचना देनी होती है, लेकिन डेरे से ली गयी डेडबॉडी के लिए निजी कॉलेजो ने किसी नियम कानून का पालन नहीं किया. बता दे कि डेरा सच्चा सौदा से लखनऊ के जीसीआरजी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में भेजी गयी 14 डेडबॉडी का कोई लीगल सर्टिफिकल नहीं था. मामला प्रकाश में आने के बाद एमसीआई ने 7 जनवरी 2017 को इस कॉलेज का निरीक्षण किया था, तब कॉलेज के पास सिर्फ एक डेडबॉडी थी. जिसके बाद कॉलेज में चल रहे गैरकानूनी काम की जाँच कि गयी. और कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गयी. फ़िलहाल डेरा पर जांच निरंतर जारी है. राम रहीम का डेरा, आज भी उगलेगा कई राज शायद मर चुकी है हनीप्रीत : इंटेलिजेंस ब्यूरो चिट्ठा