पंजाब में ही पंजाबी भाषा दूसरे स्थान पर

मोहाली (नियामिया): सदैव पंजाबी भाषा के स्तर को बढ़ाने का दावा करने वाले पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने मातृ भाषा पंजाबी को दो नम्बर की भाषा बना दिया है. दरअसल, पंजाब शिक्षा विभाग ने दसवीं और 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थियों को जो प्रमाण पत्र जारी किये है. उन प्रमाण-पत्रों में विद्यार्थियों की जानकारी पहले अंग्रेजी में फिर इस के बाद पंजाबी में दर्ज करने को कहा है. 

वही दूसरी ओर पूरे पंजाब में साहित्यकार एवं पंजाबी मातृ भाषा को प्यार करने वाली संस्थाएं आज पंजाब में पंजाबी को मुख्य स्थान दिलवाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे है. इसके साथ ही पंजाब विधानसभा ने भी पंजाबी भाषा को चंडीगढ़ में पहला स्थान दिलवाने के लिए एक प्रस्ताव भी पास किया हुआ है. लेकिन इसके बावजूद सरकार अपने ही बोर्ड में पंजाबी भाषा को प्रथम स्थान का दर्जा दिलाने में नाकाम रही है.

गौरतलब हैं, कि बोर्ड की बैठक में बोर्ड परीक्षा देने वाले दसवीं व बारहवीं कक्षा के छात्रों को जो प्रमाण पत्र भरने के लिए दिया गया है, उसमे विवरण (नाम, पिता का नाम, माता का नाम एवं स्कूल आदि) दोनों भाषाओ अंग्रेजी और पंजाबी में लिखने को कहा है, लेकिन नाराजगी यह है कि अंग्रेजी को प्रथम और पंजाबी भाषा को द्वितीय भाषा का दर्जा दिया गया है.  

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