नईदिल्ली। मुख्य अधिवक्ता राजीव धवन ने वकालत से सन्यास लेने का निर्णय लिया है। इस मामले में जानकारी सामने आई है कि उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने अयोध्या मसले के ही साथ अन्य मसलों पर होने वाली सुनवाई में अपमान होने के बाद प्रैक्टिस छोड़ने का निर्णय लिया है। उनका कहना था कि, चीफ जस्टिस यदि चाहें तो वरिष्ठ वकील के तौर पर प्राप्त गाउन रख सकते हैं। गौरतलब है कि, 7 दिसंबर को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा अयोध्या और अन्य मामलों में बहस करने को लेकर नाराजगी जाहिर की। इस मामले में वरिष्ठ वकील ने 6 अक्टूबर को न्यायालय में अभद्र व्यवहार किया था। सर्वोच्च न्यायालय में कुछ वकीलों ने ऊॅंची आवाज में विवाद करने पर नाराजगी जाहिर की। जानकारी सामने आई है कि राम मंदिर, बाबरी मस्जिद प्रकरण में पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी अदालत में जिरह की थी। कुछ वकीलों ने सुनवाई को लेकर सवाल किए थे। इस मामले में न्यायालय ने कहा कि यदि वकीलों की जिरह और उनसे पूछे गए सवालों का जवाब न्यायालय के दायरे में है तो फिर हम उन्हें सुनते हैं और संवैधानिक व न्यायालयीन मसले पर चर्चा नहीं की जाएगी तो फिर हम इसे सहन नहीं करेंगे। इस मामले में जानकारी सामने आई है कि, सीनियर एडवोकेट उचित व्यवहार नहीं कर रहे हैं,ऐसे में कुछ व्यक्तिगत रेग्युलेशन जरूरी है। चीफ जस्टिस ने कहा कि, अगर बार ने इस मामले में कुछ नहीं किया, तो हम मामले को रेग्युलेट करने के लिए बाध्य होंगे। प्रधान सचिव को पटना हाई कोर्ट अवमानना का नोटिस दो जगह से उम्मीदवारी पर SC में सुनवाई अदालत के बाहर मुकदमा सुलझाने पर सहमत उबर