रिश्तो के टूटने का मुख्य कारण कही न कही इंसानी स्वार्थ और मतलब भी होता है. जब हम पर मैं भारी पड़ने लगता है तब रिश्ते खराब होते है. रिश्तो के असफल होने से दुःख होता है, किन्तु कुछ रिश्ते असफल होने के बाद बहुत कुछ सीखा जाते है. ये सबक रिश्तों की बेहतर समझ पैदा करते है. रिश्तों में दिमाग नहीं दिल की सुनी जाती है. प्यार दो लोगो का मिलन होता है जिसमे आपसी समझ होना जरूरी होता है. रिश्ते में हर वक्त कोई एक मनमानी करे, ये भी ठीक नहीं है. उस रिश्ते से दूरी बनाने में ही भलाई है, जिसे संभालने की डोर सिर्फ एक के कंधे पर ही हो. यदि आप उसके आने से खुश है, आपका दुःख ख़ुशी में बदल गया है तो यह मजबूती नहीं बल्की कमजोरी है. यदि आपकी जिंदगी में पहले से दुःख तो उसे किसी और के जरिये दूर करने से बेहतर है, खुद दूर करे. आपकी इच्छाएं और जरूरते दूसरों की मोहताज नहीं होनी चाहिए. आदर्शवादी उम्मीदे रिश्ते में न लगाए, इससे रिश्ते सिर्फ टूटते ही है. यदि आपका साथी एक ही गलती बार-बार करे, तब इस स्थिति में रिश्ता अधिक दिन नहीं चलने वाला है. ये भी पढ़े नींद खुली और सामने आ गया बहन का 7 साल का छुपा हुआ इश्क अधेड़ उम्र में अवैध संबंध की यह दास्तान हिलाकर रख देगी डाक विभाग के लिए आरक्षित जमीन, मंत्री विजय गोयल से जुड़े NGO को जमीन देने पर डीडीए मंजूर न्यूज़ ट्रैक पर हम लिखते है आपके लिए कुछ मज़ेदार और फ्रेश फैशन, ब्यूटी, हेल्थ, फिटनेस से जुडी ज्ञानवर्धक बातें जो आपको रखेगी स्वस्थ और तंदुरस्त