संस्कृत को दुनिया की सबसे प्राचीनतम भाषा माना जाता है. वर्तमान में इसकी हालत काफी ख़राब और दयनीय होती जा रही हैं. अतः अब बच्चों में संस्कृत के प्रति रूझान बढ़ाने के लिए उत्तराखंड में संस्कृत को स्कूलों में कक्षा 6 से अनिवार्य कर दिया गया है. इसी के साथ अब बच्चों को एनसीईआरटी की किताबें भी कम दाम पर मिल सकेगी. ऐसे छात्र जो बाजार से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) पाठ्यक्रम की पुस्तकें खरीदते हैं, उन्हें अब इसमें आसानी हो जाएगी. छात्रों को महंगी दरों के बजाए कम और सस्ते दाम पर किताबें मिल जाए इसके लिए निविदाएं आमंत्रित करने का शासन द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है. अभी उत्तराखंड में भाषा प्रोत्साहन के तहत तीसरी कक्षा से बच्चों को एनसीईआरटी की पुस्तक पढ़ाई जाती हैं, इसे वर्तमान में लागू रखा जाएगा, और इसी के साथ अब छात्रों को कक्षा 6 से एनसीईआरटी की संस्कृत की पुस्तक पढ़ाई जाएगी. एनसीईआरटी को आदेश दिया गया है कि, वह संस्कृत की पुस्तक छपवाए. अगले सत्र से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होना है. यह प्रयास है कि 15 जनवरी तक पुस्तकें प्रकाशित हो जाएं जिससे समय से छात्रों की पढ़ाई शुरू हो सके. अरविंद पांडेय, विद्यालयी शिक्षा मंत्री शिक्षा में सुधार के लिए मिल-जुल कर सहयोग जरूरी ऑफिस में अपनी अलग छवि के लिए ध्यान दें इन बातों पर... इंटरव्यू क्रैक कराएंगे ये सक्सेस मन्त्र जॉब और करियर से जुडी हर ख़बर न्यूज़ ट्रैक पर सिर्फ एक क्लिक में, पढिये कैसे करे जॉब पाने के लिए तैयारी और बहुत कुछ.