शिव सेना ने जताई नाराजगी

मुंबई। केेंद्रीय कैबिनेट का विस्तार होने के बाद एनडीए के घटक दलों में इस बात को लेकर असंतोष है कि उनके सांसदों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया है। ऐसे दलों में शिवसेना शामिल है। शिवसेना ने वरिष्ठ नेताओं की आपात बैठक आयोजित की है। कहा गया है कि जेडीयू इस विस्तार से प्रसन्न नहीं है। सीएम नीतीश कुमार और केसी त्यागी इस मामले में अपनी चिंता जता चुके हैं। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने इस पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि एनडीए में इस बात से असंतोष है। यह एक तरह से एनडीए की मौत है। शिवसेना इस मसले पर महाराष्ट्र राज्य में भी चर्चारत है। गौरतलब है कि केंद्र में मोदी सरकार ने तीन वर्ष पूरे हो गए हैं और भाजपा वर्ष 2019 के चुनाव की तैयारी में जुटी है मगर अन्य दलों के नेताओं को शामिल न किए जाने से कहीं न कहीं सांसद असंतुष्ट हैं। विशेषकर शिवसेना में असंतुष्टि का दौर है।

जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने भी इस मामले में नाराजगी जाहिर की है हालांकि इस मामले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पहले ही कहा है कि उनकी कोई भी चर्चा भाजपा नेताओं से नहीं हुई है मगर केसी त्यागी जो कि स्वयं सांसद हैं उन्होंने कहा है कि मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से सभी निराश हैं। हमें इस बात की आस थी कि बिहार में गठबंधन बनने के बाद एनडीए में शामिल होने पर केंद्रीय स्तर पर भी नेताओं को महत्व दिया जाएगा।

मगर ऐसा नहीं हुआ। दूसरी ओर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में इस बदलाव का उल्लेख किया। सामना में प्रकाशित किया गया नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद भी उसमें प्रयोग जारी है, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में लिखा कि लोग अब भी अच्दे दिन का इंतजार कर रहे हैं। मगर हम चुप नहीं रह सकते। हालांकि मंत्रालयों का वितरण भाजपा का अपना मामला है।

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